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करंट से बचाएगा यह हेल्मेट और स्टिक, कर देगा पहले से ही ALERT, जानिए इनकी खूबियां

जालंधर, पंजाब. बिजली कर्मचारी जब भी कोई फॉल्ट सुधारने जाते हैं, तो उनकी जिंदगी पर खतरा मंडराता रहता है। कई तरह की सतर्कता (Alertness) के बाद भी अकसर हादसों में कर्मचारी अपनी जान गंवा देते हैं। लेकिन यह हेल्मेट और स्टिक उनकी जान बचाएगी। हाईवोल्टेज तारों की रिपेयरिंग या अन्य तरह के फॉल्ट ठीक करने वाले कर्मचारियों के लिए यह पॉवरकॉम सेफ्टी किट तैयार की गई है। पंजाब के 4800 कर्मचारियों को यह किट मुहैया कराई जा रही है। इस किट में सेंसर हेल्मेट, अर्थिंग स्टिक (Sensor helmet, earthing stick) के अलावा शॉक प्रूफ जूते शामिल हैं। यह हेल्मेट वायर से करीब एक मीटर दूरी से ही बीप या वाइब्रेट करके कर्मचारी को अलर्ट कर देगा। यह हेल्मेट कर्मचारी का पसीना भी सोख लेगा, जिससे करंट नहीं लगेगा। वहीं, यह अर्थिंग स्टिक किसी भी कारण से सप्लाई हुई बिजली को रोक लेगी। आगे पढ़ें इसी खबर के बारे में... 

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Asianet News Hindi
Published : Oct 23 2020, 12:22 PM IST
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बता दें कि अकेले पंजाब में हर साल करीब 20 कर्मचारी बिजली फॉल्ट ठीक करने या रिपेयरिंग के दौरान होने वाले हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। बारिश में हादसों की आशंका अधिक बढ़ जाती है।  आगे पढ़ें नये-नये आइडियाज से हुए आविष्कारों की कहानियां

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रांची, झारखंड. इसे कहते हैं  दिमाग की बत्ती जल जाना! बिजली के भारी-भरकम बिल देखकर लोगों के अंदर जैसे करंट-सा दौड़ जाता है। ऐसा ही कुछ रामगढ़ के 27 वर्षीय केदार प्रसाद महतो के साथ हुआ। कबाड़ की जुगाड़ (Desi Jugaad) से नई-नई चीजें बनाने के उस्ताद केदार ने मिनी हाइड्रो पॉवर प्लांट (Mini hydro power plant ) ही बना दिया। टीन-टप्पर से बनाए इस प्लांट को उन्होंने अपने सेरेंगातु गांव के सेनेगड़ा नाले में रख दिया। इससे 3 किलोवाट बिजली पैदा होने लगी। यानी इससे 25-30 बल्ब जल सकते हैं। केदार ने 2004 में अपने इस प्रयोग पर काम शुरू किया था। आगे पढ़िए केदार की ही कहानी...

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केदार ने सबसे पहले साइकिल के पैडल से बिजली बनाई। फिर हवा के जरिये। इसके बाद नल के पानी से बिजली पैदा की। केदार कहते हैं कि कोशिश करते रहिए, सफलता जरूर मिलेगी। आगे पढ़िए-देसी जुगाड़ से आप भी बना सकते हैं 200 रुपए में 200 वॉट का रूम हीटर, ये चीजें सबके घर में होती हैं

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नैनीताल, उत्तराखंड. नैनीताल जिले के धारी ब्लॉक के सरना गांव के रहने वाले 14 साल के लड़के ने लॉकडाउन का सदुपयोग किया और बाजार में 2000-2500 रुपए तक में आने वाला 200 वॉट का रूम हीटर सिर्फ 200 की लागत से बना दिया। भास्कर पौडियाल नामक यह  लड़का 9वीं क्लास में पढ़ता है। इस सफल प्रोजेक्ट के बाद अब भास्कर वैक्यूम क्लीनर पर काम कर रहा है। भास्कर ने रूम हीटर बनाने के लिए गत्ता, 100 वाट के दो बल्ब, एक डीसी मोटर, छोटा पंखा, दो मीटर तार, विद्युत रोधी टेप, दो होल्डर और दो स्विच का इस्तेमाल किया।

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धमतरी, छत्तीसगढ़. यह हैं 67 वर्षीय रिक्शा चालक कैलाश तिवारी। ये ई-रिक्शा की बैटरी को लेकर परेशान थे। तिवारीजी ने दिमाग दौड़ाया और रिक्शा के ऊपर सोलर प्लेट (Solar Plate) लगा दी। अब इसके जरिये बैटरी लगातार चार्ज होती रहती है। ई-रिक्शा पर उनके करीब 40 हजार रुपए खर्च हुए। सोलर प्लेट लगने के बाद अब उनकी कमाई बढ़ गई है। 

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यह मामला मध्य प्रदेश के बुरहानपुर का है। निंबोला क्षेत्र के एक किसान के तीन बेटों ने बेकार पड़े पाइपों के जरिये धमाका बंदूक बना दी। दरअसल, किसान खेतों में सूअर और अन्य जानवरों के घुसने से परेशान था।  हर साल उसकी लाखों की फसल खराब हो जाती थी। पटाखे आदि काम नहीं करते थे। इस बंदूक से ऐसा धमाका होता है कि जानवर डरके भाग जाते हैं। बता दें कि यह बंदूक बनाने वाले मनोज जाधव 8वीं, पवन जाधव 7वीं  तक पढ़े हैं। सिर्फ जितेंद्र पवार ग्रेजुएट हैं। इसकी आवाज 2 किमी तक सुनाई पड़ती है। 

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सोनीपत, हरियाणा.  यह हैं गोहाना के गांव सैनीपुरा के रहने वाले किसान सत्यवान। इन्होंने पुराने थ्रेसर से यह देसी जुगाड़ की मशीन (Desi jugaad machine) बनाई है। इसे ट्रैक्टर से जोड़कर चलाते हैं। सत्यवान के पास 4 एकड़ जमीन है। 8 साल पहले वे मैकेनिक थे। फिर खेती-किसानी करने लगे। पहली बार 2012 में उन्होंने धान की फसल उगाई। पहली बार मजदूर मिल गए। लेकिन 2014 में मजदूर नहीं मिलने से काफी दिक्कत हुई। नुकसान भी उठाना पड़ा। इसके बाद सत्यवान ने एक छोटी-सी मशीन बनाई। यह बिजली की मोटर से चलती थी। यह मशीन उतनी सफल नहीं रही। इसके बाद उन्होंने एक पुराना थ्रेसर खरीदा। उसके अंदर के सभी पार्ट निकालकर धान झाड़ने वाली मशीन का निर्माण किया। इस मशीन के निर्माण पर करीब 4 लाख रुपए खर्च हुए। 

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