- Home
- States
- Rajasthan
- महाशिवरात्र पर जानिए भारत में कहां बन रही है विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, 20 किलोमीटर से भी कर सकेंगे दर्शन
महाशिवरात्र पर जानिए भारत में कहां बन रही है विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा, 20 किलोमीटर से भी कर सकेंगे दर्शन
- FB
- TW
- Linkdin
श्रीवल्लभ संप्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथजी प्रभु की हवेली से एक किलोमीट दूर गणेश टेकरी पर 351 फीट ऊंची शिव प्रतिमा बनाई गई है। यह इतनी बड़ी है कि 20 किलोमीटर दूर से भी नजर आ आएगी। इसमें पांच-पांच हजार लीटर क्षमता के दो तालाब बनाए गए हैं। जिसके पानी से भगवान शिव का अभिषेक होगा। शिव प्रतिमा के निर्माण में 10 साल से ज्यादा लगे। प्रतिमा में 280 फीट तक लिफ्ट लगी है। इस लिफ्ट से भगवान शिव के कंधे से श्रद्धालु अरावली की पहाड़ियां देख सकेंगे।
प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान और आराम की मुद्रा में हैं। प्रतिमा को 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कांकरोली फ्लाईओवर से देखा जा सकता है। इतनी ही दूरी से रात में भी प्रतिमा को स्पष्ट तौर से देखने के लिए विशेष लाइट लगाई जा रही है, जिसे अमेरिका से मंगाया गया है।
जब इस प्रतिमा का निर्माण हो रहा था, तब शुरुआत में इसकी ऊंचाई 251 फीट तय थी लेकिन बाद में मिराज समूह के मदन पालीवाल की सिफारिश पर ऊंचाई 351 फीट करने का फैसला लिया गया। इस प्रतिमा का निर्माण मिराज ग्रुप के सीएमडी मदनलाल पालीवाल ने ही बनवाया है। प्रतिमा के अंदर चार लिफ्ट हैं। दो लिफ्ट में एक बार में 29-29 श्रद्धालु 110 फीट तक जा सकेंगे। इसके बाद 280 फीट तक दो फीट से 13-13 श्रद्धालु एक साथ जा-आ सकेंगे।
प्रतिमा में मेंटेनेंस स्टाफ के लिए तीन सीढ़ियां भी होगी। पानी के पांच-पांच हजार लीटर के दो वाटर हॉल भी बनाए गए हैं। एक से शिव प्रतिमा का अभिषेक होगा और दूसरा किसी इमरजेंसी के लिए। प्रतिमा के अंदर दूरबीन लगाई जाएगी। पर्यटक शिव प्रतिमा में ढाई सौ फीट से अरावली पर्वत शृंखला के अद्भुद नजारे का आनंद उठा सकेंगे।
शिव प्रतिमा का काम 2012 में शुरू हुआ था। इससे पहले नेपाल (Nepal) स्थित कैलाशनाथ मंदिर में शिव प्रतिमा 143 फीट है। वहीं कर्नाटक के मुरुदेश्वर मंदिर की शिव प्रतिमा 123 फीट। जबकि तमिलनाडु का आदियोग मंदिर की शिव मूर्ति 112 फीट की है।
इसे भी पढ़ें-महाशिवरात्रि पर महाकाल का अद्भुत श्रृंगार, आज 21 लाख दीयों से जगमगाएगा उज्जैन, भव्य और अलौकिक होगा नजारा
इसे भी पढ़ें-काशी विश्वनाथ मंदिर का गर्भगृह हुआ स्वर्ण से सुसज्जित, 37 किलो लगाया गया सोना