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पैसा ही पैसा: इस मंदिर में लगा करोड़ों रु. का ढेर, 2 दिन से लाइन लगाकर गिन रहे नोट..फिर भी नहीं हुई गिनती
चित्तौडगढ़ (राजस्थान). भारत के मंदिरों हर साल करोड़ों रुपए का दान आता है। यह चढ़ावा इतना होता है कि सैंकड़ों गांव के लोगों का पेट कई दिनों तक इससे भरा जा सकता है। ऐसा ही एक मंदिर है राजस्थान के चित्तौडगढ़ का श्री सांवलिया सेठ का मंदिर जो अक्सर अपने चढ़ावे के लिए चर्चा में बना रहता है। भंडार भेंट की गई राशि की गिनती दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी है। जिसे समीति के लोगों के अलावा बैंक कर्मचारी भी गिनने में जुटे हुए हैं। लेकिन दो दिन होने के बाद भी दान की गई राशि की गिनती पूरी नहीं हो पाई है।
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दरअसल, बुधवार सुबह 11 बजे कृष्णधाम सांवलियाजी मंदिर के भंडार से दान की गई राशि निकाली गई थी। एक दिन में मंदिर के कर्मचारी करीब 6 करोड़ से ज्यादा की गिनती कर चुके हैं। लेकिन यह अभी भी जारी है। बता दें कि कोरोना काल में यह चौथी बार है जब मंदिर का भंडार में रिकॉर्ड तोड़ा राशि दान के रुप में प्राप्त हुई है।
बता दें कि मंदिर के भंडार की पहले दिन की गिनती में करीब 6.17 करोड़ रुपए नगद राशि मिली है। वहीं 91 ग्राम सोना और 23 किलो चांदी प्राप्त हुई है। जबकि कार्यालय भेंट कमरे में ऑनलाइन और नगदी की राशि 71.83 लाख बताई जा रही है। मंदिर समीति के मुताबिक, गिनती में 2.80 करोड़ के 2 हजार के नोट और करीब 3 करोड 500-500 के नोट मिले हैं। वहीं बाकी 50-100 या अन्य सिक्कों से 8 बोरे भर गए हैं। बताया जाता है कि पिछले भंडार से 4 करोड़ 54 लाख रुपए निकले थे। लेकिन इस बार पहले दिन की ही गिनती यह रिकॉर्ड टूट गया है।
श्री सांवलिया सेठ का मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यहां दिल से मांगी हुई हर मनोकामना पूरी होती है, सांवलिया भगवान हर किसी की खाली झोली को भर देते हैं। इसलिए तो कहते हैं कि यहां मुराद से ज्यादा मांगने वाला पाता है। इसलिए तो यहां लोग दिल खोलकर भगवान के चरणों में चढ़ाते हैं।
(बोरियों में रखे छोटे नोट और सिक्के )
बता दें कि श्री सांवलिया सेठ मंदिर मे हर माह अमावस्या के एक दिन पूर्व दानपात्र खोला जाता है। जहां दान किए गए नोटों के गिनने के लिए लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है। रुपयों की गिनती सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होती है। अभी तक हर महीने यहां 3 से लेकर 4 करोड़ तक का चढ़ावा आता है। इतना ही नहीं दानपात्र से निकले की गिनती को देखने के लिए हजारों श्रृद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। हालांकि प्रशासन यह काम अपनी मौजूदगी में करवाता है।
कहा जाता है कि श्री सांवलिया सेठ का मंदिर आज से करीब 450 साल से ज्यादा पुराना है। जिसका निर्माण मेवाड़ राजपरिवार की ओर से करवाया गया था। यहं मंदिर चित्तौडगढ़़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी एवं डबोक एयरपोर्ट-उदयपुर से 65 किमी की दुरी पर स्थित है। जहां हर साल देश ही नहीं विदेश से लाखों भक्त आकर दर्शन करते हैं। कुछ ऐसे एनआरआई भक्त भी हैं जो विदेश में बैठे हैं, अगर वह नहीं आ पाते तो डॉलर, पाउण्ड, रियॉल, दिनार को भारतीय रुपए में बदलवाकर मनी ऑर्डर कर देते हैं।
श्री सांवलिया सेठ मंदिर में विराजे भगवान श्री सांवलिया सेठ