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लोकसभा अध्यक्ष की बेटी बनी IAS, पहली बार में क्रैक की परीक्षा..बोली-पापा मेरे आदर्श और सफलता का राज
कोटा (राजस्थान). एक पिता के लिए उसकी संतान की कामयाबी सबसे ज्यादा मायने रखती है। फिर चाहे वह खुद ही कितना ही सफल आदमी ही क्यों ना हो। कुछ ऐसा ही हुआ है देश के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर में, जहां इस वक्त उत्सव का माहौल बना हुआ है। उनकी छोटी अंजली बिरला संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास करते हुए आईएएस अफसर जो बनने वाली है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग रहा है। नेता से लेकर आम आदमी तक उनको इस सफलता की बधाई दे रहा है। आइए जानते हैं कैसे अंजली को यह सफलता मिली और उनकी कामयाबी के राज...
| Published : Jan 05 2021, 11:39 AM IST / Updated: Jan 05 2021, 12:19 PM IST
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दरअसल, सोमवार को यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी किया है, इस लिस्ट में में अंजलि 67वें नंबर पर हैं। बता दें कि UPSC का यह परिणाम 4 अगस्त को आया था, लेकिन उस दौरान 927 वैकेंसी के मुकाबले 829 अभ्यर्थियों का रिजल्ट ही घोषित किया गया था। अब विभाग ने बाकी 89 अभ्यर्थियों की समेकित सूची सोमवार को जारी की है।
अंजलि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की सबसे छोटी बेटी हैं। अंजिल ने अपनी कामयाबी का श्रेय पिता और बड़ी बहन को दिया है। अंजली ने कहा कि मेरे पापा मेरी जिंदगी के आर्दश हैं, उनके नेक कामों को देखकर और उनकी प्रेरणा से ही वह आज इस शिखर तक पहुंची हैं। माता-पिता ने यहां तक पहुंचने के लिए पूरा सपोर्ट किया है। ओम बिरला और डॉ. अमिता बिरला की दो बेटिया हैं, बड़ी बेटी आकांक्षा जो कि सीए हैं।
बता दें कि अंजलि बचपन से पढ़ने में होशियार थी, 10वीं की परीक्षा में उनके अच्छे नंबर आए थे। इसके बाद भी जब उन्होंने साइंस लेने के बजाए आर्ट्स ली, तो सब हैरान थे। कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस एडमिशन ले लिया। अंजलि ने बताया कि कॉलेज आने के बाद ही उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सोचा था। कॉलेज में ऑनर्स डिग्री हासिल करने के बाद मैंने दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। सबसे खास बात यह है कि अंजलि बिरला का पहली बार में ही आईएएस की परीक्षा में चयन हो गया। उनका नाम वेटिंग लिस्ट में था, जो अब क्लियर हुआ है।
अंजलि ने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को साइंस या मैथ्स लेने के लिए कहते हैं। जबकि ऐसा नहीं है, बच्चों को जो अच्छा लगे वही दिलाना चाहिए। क्योंकि साइंस या मैथ्स विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है। मैंने सिविल सेवा परीक्षा के अलावा कोई लक्ष्य ही नहीं रखा था। जिसको मैंने अपनी करियर का उद्देशय बनाया और वह हासिल हो गया। अगर मैं भी किसी और के कहने पर दूसरा विषय ले लेती तो यहां पर नहीं होती।
अंजलि ने कहा अगर मेरी बड़ी दीदी आकांक्षा मेरे साथ मेहनत नहीं करती तो शायद वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकती थी। उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय मोटिवेट किया वो हर वक्त मेरे साथ रहती थीं। वो अपना काम निपटा लेने के बाद मेरी तैयारी में जुट जाती थीं। यहां तक कि उन्होंने सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरी मदद की। जब मैं निराश हो जाती तो वह मेराहौसला बढ़ाती थीं।
बेटी की इस सफलता से माता-पिता से लेकर पूरा परिवार खुश है। रिजल्ट आने के बाद अंजिल मां ने अपनी बेटी का फूलों से स्वागत कर तिलक लगा आरती उतारी। साथ ही आर्शीवाद दिया कि ऐसे ही कामयाबी पाते रहो।
अंजली ने बतया कि मेरे परिवार में पिता राजनीतिज्ञ हैं और मां चिकित्सक हैं। जबकि मेरी बड़ी बहन एक सीए है, लेकिन मैंने इन सबके बावजूद प्रशासनिक सेवाओं के क्षेत्र में जाने के मन बनाया। जिसके लिए वह प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी करती थीं। क्योंकि मैं भी चाहती थी कि अपने परिवार से अलग होकर अपनी मेहनत से स्वयं के पैरों पर खड़ा हो सकूं। मेरे जीवन का लक्षय था गरीबों की मदद और समाज की सेवा करना।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर में जश्न का मन रहा है, क्योंकि उनकी बेटी ने इतनी बड़ी सफलता जो हासिल कर लही है। परिवार से लेकर आसपास वाले भी अंजलि की आरती उतार बधाई दे रहे हैं। इस तस्वीर में आप साफ देख सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का परिवार, जिसमें उनकी छोटी बेटी अंजलि भी मौजूद हैं।
अपनी बेटी की सफलता के बाद अंजलि की मां डॉ.अमिता बिरला मीडिया से बात करते हुईं।