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गूगल का आया नया हेल्थ टूल, फोन का इस्तेमाल कर जान सकते हैं अपनी स्किन की कंडिशन
Google नया हेल्थ टूल लेकर आया है। अपने स्मार्टफोन का उपयोग करके हर कोई अपनी स्किन की कंडिशन के बारे में आसानी से जान सकता है। कंपनी की ओर से जानकारी दी गई कि गूगल सर्च के इस नए फीचर पर काम किया जा रहा है। इससे स्किन की कंडिशन को पहचानने में आसानी होगी। इतना ही नहीं इससे चर्म रोग से संबंधित बीमारी के बारे में भी घर पर ही जान सकेंगे। कैसे करना होगा इस टूल का इस्तेमाल...
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कंपनी ने इस टूल का इस्तेमाल करने को लेकर कहा कि इसका उपयोग करने के लिए आपको पहले अपने स्मार्टफोन से तीन अलग-अलग एंगल्स से फोटो को कैप्चर करना होगा। इसमें उस स्किन को क्लिक करें जिसके बारे में आप जानना चाहते हों।
स्किन को लेकर पूछा जाएगा सवाल
इसके बाद आपसे उस स्किन को लेकर सवाल पूछा जाएगा। जैसे कि आप इस समस्या से कब से जूझ रहे हैं और अन्य लक्षण इसको पहचानने में आसान कर देते हैं।
टूल 288 त्वचा की कंडिशन को पहचानने के लिए बनाया गया है
AI टूल फोटो को एनालाइज करेगा और आपकी स्किन कंडिशन के बारे में बताएगा कि आपकी स्किन में क्या दिक्कत है। गूगल ने ये भी बताया कि टूल 288 त्वचा की कंडिशन को पहचानने के लिए बनाया गया है।
क्या है इस टूल का उद्देश्य?
इस टूल को लेकर गूगल की ओर से कहा गया कि इस टूल का उद्देश्य निदान प्रदान करना नहीं है और ना ही इसके इलाज के लिए सलाह देना है। क्योंकि कई स्थितियों में डॉक्टर की सलाह लेना ज्यादा बेहतर होता है। हालांकि, हम आशा करते हैं कि ये आप सभी को जरूरत भर की जानकारी दे दे, जिससे आप समय रहते अपनी समस्या से अवगत हो सकें।
इस साल के अंत तक टूल को लॉन्च करना है
कीनोट में कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया कि उसका उद्देश्य इस साल के अंत तक इस टूल को लॉन्च करना है। इस अपकमिंग टूल के पहले से ही कंपनी की ओर से क्लास वन की श्रेणी में मेडिकल सर्विस के लिए EU में मार्क्ड किया गया है।
छाती के एक्स रे को किया गया है इसमें शामिल
जबकि, गूगल ने ये भी घोषणा की कि वो तपेदिक के रोगियों की जांच के लिए उपकरण बनाने के लिए AI का उपयोग कर रहा है। प्रभावी स्क्रिनिंग की लागत में सुधार करने के लिए इसे पहचाना गया है। विशेष रूप से इसमें छाती एक्स रे को भी शामिल किया गया है।
टीबी के रोगियों की भी होगी पहचान
इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में स्क्रीनिंग और ट्राइएजिंग के लिए कंप्यूटर एडेड डिटेक्शन (सीएडी) के उपयोग की सिफारिश की है। Google के रिसर्चर्स ने एक AI-आधारित टूल विकसित किया है, जो कि टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए बनाया गया है। ये एक फॉलोअप टेस्टिंग है।