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इस बड़े बैंक ने ग्राहकों के लिए जारी किया अलर्ट, 1 अक्टूबर से नहीं कर पाएंगे कई पेमेंट! देखें नया नियम
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प्रोसेस फॉलो ना करने पर होगा एक्शन
ऑटोमेटिक भुगतान नियमों में 1 अक्टूबर 2021 से बदलाव किया जा रहा है। ई-मैंडेट या ऑटो-डेबिट की विफलता की संभावना पर कई आर्गेनाइजेशन के द्वारा उठाई गई चिंताओं पर ध्यान दिया गया है क्योंकि सभी बैंकों ने अपने सिस्टम को अपग्रेड नहीं किया है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल अप्रैल में इन निर्देशों के पालन करने की समय सीमा 6 महीने बढ़ा दी थी। RBI ने पहले कहा था कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) या अन्य प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) का उपयोग करने वाले रेकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) की जरुरत होगी। अगस्त 2019 में नए स्ट्रक्टर का ऐलान किया गया था। आरबीआई ने चेतावनी दी थी कि "गैर-अनुपालन से गंभीरता से निपटा जाएगा"। बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस नए नियम के बारे में जानकारी देनी शुरू कर दी है।
HDFC बैंक ने ग्राहकों के लिए जारी किया नोटिफिकेशन
आरबीआई की इस चेतावनी पर HDFC बैंक ने तरफ से ऑटो पे को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके मुताबिक, बैंक e-Mandate प्रोसेसिंग या ऑटो डेबिट प्रोसेसिंग को लेकर किसी भी तरह के निर्देश को तब तक स्वीकार नहीं करेगा, जब तक वह रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं होंगे। अगर आपने बैंक के मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग की मदद से क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिलर को लिंक किया है तो वह काम नहीं करेगा।
अभी कॉमन प्लैटफॉर्म पूरी तरह अपडेटेड नहीं
ई-मैंडेट को लेकर कॉमन प्लैटफॉर्म तैयार किया गया है। HDFC बैंक ने कहा कि उसने नए नियम के तहत इंटर्नल डेवलपमेंट को अपग्रेड कर लिया है। जब तक यह सुविधा लाइव नहीं हो जाती है तब तक बैंक अपने ग्राहकों को कुछ सुविधा उपलब्ध करवा रहा है।
विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए दी जा रही सुविधा
विभिन्न प्लेटफॉर्म पर सुविधा का लाभा लेने के लिए डॉयरेक्ट पेमेंट HDFC बैंक के डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किया जा सकता है। इसी तरह नेट बैंकिंग की मदद से इलेक्ट्रिसिटी बिल, फोन बिल, गैस बिल, मोबाइल बिल, डीटीएच बिल, एलपीजी बिल को इसकी बिलर में जोड़ा जा सकता है। इस समय नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम को मर्चेंट के तौर पर प्लैटफॉर्म से जोड़ा गया है। इन दोनों प्लेटफॉर्म पर ऑटो पेमेंट की सुविधा शुरू हो चुकी है। इसके अलावा वीजा कार्ड पर ऑटो डेबिट की सुविधा उपलब्ध है। फिलहाल ऑटो पे की सुविधा मास्टर कार्ड, डायनर्स कार्ड, रूपे कार्ड पर उपलब्ध नहीं है। बहुत जल्द इन कार्ड्स पर भी ऑटो पे की सुविधा शुरू की जाने की योजना है।
5,000 रुपए से अधिक के ट्राजेक्शन पर लागू होगा नियम
नए नियमों के तहत, सभी रेकरिंग ट्रांजेक्शन को एडीशनल सर्टिफिकेशन की जरुरत होगी। 5,000 रुपए से अधिक के भुगतान के लिए, हर बार भुगतान देय होने पर ग्राहक द्वारा वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को सत्यापित करना होगा। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के सभी क्रेडिट और डेबिट कार्डों पर लागू होगा।
हर ट्रांजेक्शन के पहले लेनी होगी परमिशन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की पैसों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस नए नियम को लागू करने के लिए बैंकों को निर्देशित किया है। पहले इस नियम को 1 अप्रैल 2021 से ही लागू किया जाना था। बाद में रिजर्व बैंक इस छह महीने के लिए बढ़ा दिया था। नए नियम के लागू होने के बाद बिलिंग में जिस दिन ऑटो डेबिट होना होगा उससे पहले ग्राहक को टेक्सट मैसेज भेजा जाएगा, जब वह इस पेमेंट को कंफर्म करेगा, तभी उस ट्रांजैक्शन को पूरा किया जा सकता है।
एचडीएफसी बैंक ने दिए ऑप्शन
विकल्प 1: आप अपने एचडीएफसी बैंक क्रेडिट/डेबिट कार्ड से मर्चेंट वेबसाइट/ऐप पर भुगतान कर सकते हैं और ओटीपी के माध्यम से लेनदेन को प्रमाणित कर सकते हैं।
विकल्प 2:
आप हमारी बिलपे सेवा के माध्यम से ऑटो भुगतान के लिए अपने बिजली / पानी / गैस / एलपीजी / लैंडलाइन टेलीफोन / पोस्टपेड मोबाइल / डीटीएच / ब्रॉडबैंड / बीमा बिलर्स को पंजीकृत करने के लिए हमारे नेटबैंकिंग पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं।
एक्सिस बैंक ने भी ग्राहकों को किया अलर्ट
एक्सिस बैंक ने मैसेज के जरिए ग्राहकों को किया अलर्ट किया है। आरबीआई के रेकरिंग पेमेंट गाइलाइन्स के अनुसार 20 सितंबर से प्रभावी हुआ है। रेकरिंग ट्रांजेक्शन के लिए एक्सिस बैंक कार्ड पर स्थाई निर्देशों का ऑनर्ड नहीं किया जाएगा। आप निर्बाध सेवा के लिए सीधे अपने कार्ड का उपयोग करके व्यापारी को भुगतान कर सकते हैं।
ऑटो पेमेंट के लिए भी होगा बदलाव
1 अक्टूबर से आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड से होने वाले ऑटो डेबिट के लिए नया नियम लागू हो रहा है। RBI का आदेश है कि 1 अक्टूबर 2021 से बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को डेबिट/क्रेडिट कार्ड और/या मोबाइल वॉलेट पर 5000 रुपये से ज्यादा के ऑटो डेबिट मैन्डेट के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग करनी होगी।
इसके तहत डेबिट और क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट से होने वाले कुछ ऑटो डेबिट तब तक नहीं होंगे, जब तक ग्राहक अपनी मंजूरी न दे दें। ऑटो डेबिट यानी तय समय पर अपने आप हो जाने वाले ट्रांजेक्शन जैसे एसआईपी कट, EMI कट, किसी ऐप की सब्सक्रिप्शन फीस का पेमेंट, बिल पेमेंट जैसी सेवाओं के भुगतान पर ये लागू होगा।
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