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स्पेक्ट्रम नीलामी : इससे मोबाइल बिल और सर्विस पर क्या पड़ सकता है असर, 5G नेटवर्क की होगी शुरुआत

टेक डेस्क। केंद्र सरकार ने स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पिछले हफ्ते पूरी कर ली है। इस साल स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन  आइडिया (Vi) ने भागीदारी की। इस बार के स्पेक्ट्रम नीलामी में रिलायंस जियो करीब दो-तिहाई स्पेक्ट्रम हासिल करने के साथ सबसे बड़ी बिडर कंपनी के तौर पर सामने आई है। किसी कंपनी के पास कितना स्पेक्ट्रम मौजूद है और वे इसके ​लिए कितना खर्च कर रही हैं, इसका आपके मोबाइल बिल पर भी असर पड़ता है। इसका  5G नेटवर्क की शुरुआत से भी संबंध है। जानें इसके बारे में।(फाइल फोटो)

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Asianet News Hindi
Published : Mar 04 2021, 04:46 PM IST
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स्पेक्ट्रम नीलामी का प्रीपेड ग्राहकों को मिलने वाले ऑफर पर भी असर पड़ता है। स्पेक्ट्रम नीलामी 2021 में केंद्र सरकार ने 77,800 करोड़ रुपए के कुल स्पेक्ट्रम बेचे हैं। इसमें से जियो ने 57,100 करोड़ रुपए, एयरटेल ने 18,700 करोड़ रुपए और वोडाफोन आइडिया ने 2,000 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम हासिल किए। (फाइल फोटो)
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बता दें कि यह नीलामी 4G स्पेक्ट्रम के लिए है। रिलायंस जियो और एयरटेल ने 800 से 900 MHz के सब-गिगाहार्ट्ज बैंड को खरीदा है। ये दोनों कंपनियां 5G सर्विसेस के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। (फाइल फोटो)
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अब कुछ समय में हर किसी को 4G में स्विच करना ही पड़ेगा। इस बार की नीलामी से यह प्रक्रिया और तेज हो जाएगी। हालांकि, जियो के पास केवल 4G सब्सक्राइबर्स हैं, लेकिन एयरटेल और वोडफोन आइडिया को 2G और 3G से 4G में स्विच करने का मतलब होगा कि उनका ऑपरेशन कॉस्ट कम हो जाएगा। उन्हें 3 नेटवर्क की जगह सिर्फ एक ही नेटवर्क को मेंटेन करना होगा। इसके लिए ये दोनों कंपनियों कुछ ऐसे प्लान्स पेश कर सकती हैं, ताकि कस्टमर्स आसानी से 4G नेटवर्क को अपना लें। (फाइल फोटो)
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यूजर्स के 4G नेटवर्क में स्विच करने से इन कंपनियों का प्रति यूजर औसत रेवेन्यू (ARPU) बढ़ेगा। इसकी वजह है रोज डेटा लिमिट वाला 4G प्लान स्टैंडर्ड 2G प्लान की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा होना। ऐसे में, सब्सक्राइबर्स को 4G में स्विच करने के बाद पहले से ज्यादा बिल देना होगा। (फाइल फोटो)
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जियो और एयरटेल ने सब​-गिगाहार्ट्ज और 2300 MHz कैटेगरी के स्पेक्ट्रम खरीदे हैं। इससे दोनों कंपनियों को अपना नेटवर्क कवरेज और क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे टेलिकॉम कंपनियों के नेटवर्क की गुणवत्ता पहले से बेहतर हो जाएगी। इसके साथ ही, कंपनियों के बीच टैरिफ प्लान को लेकर कॉम्पिटीशन और भी बढ़ सकता है। इसके अलावा, किसी नेटवर्क पर कॉल ड्रॉप होने या कम डेटा स्पीड की समस्या भी दूर होगी। (फाइल फोटो)
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रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने घोषणा कर दी है कि वे 5G लाने के लिए तैयार हैं। अब इस नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने के बाद ये कंपनियां 5G नेटवर्क के लिए टेस्टिंग शुरू करेंगी। हालांकि, इसके लिए अभी सरकार से मंजूरी लेनी होगी। यह माना जा रहा है कि 5G नेटवर्क को लेकर भारत में 2 कंपनियों का वर्चस्व रहेगा। इस स्पेक्ट्रम नीलामी और अगले 2 साल के भीतर 5G की लॉन्चिंग से इन दोनों कंपनियों के रेवेन्यू में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है। (फाइल फोटो)

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