10 कंपनियों के ऐसे विज्ञापन जो शुरू से रहे विवादों में, करना पड़ा बैन
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पिछले साल ज्वेलरी कंपनी तनिष्क का विज्ञापन आया था। इसमें एक हिंदू महिला की गोदभराइ की रस्म थी। महिला की शादी मुस्लिम परिवार में हुई थी। विज्ञापन को लव जिहाद से जोड़ा गया और बाद में इसे हटाना पड़ा।
हेल्थ केयर प्रोडक्ट कंपनी केंट आरओ ने आटा गूंथने की मशीन का एड दिया। इसके विज्ञापन में लिखा कि क्या आप अपनी मेड को घर पर आटा गूंथने देंगे। उसके हाथ संक्रमित हो सकते हैं। विवाद बढ़ा तो कंपनी को माफी मांगनी पड़ी।
ओला कैब ने विभिन्न शहरों में सस्ती टैक्सी सेवा का विज्ञापन दिया। इसे महिला विरोधी बताया गया, जिसके बाद कंपनी को यह विज्ञापन वापस लेना पड़ा था।
हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब ने अपने सैलून के प्रचार के लिए कोलकाता के अखबार में विज्ञापन दिया, जिसमें हिंदू देवी-देवताओं को दिखाया गया। इस विज्ञापन पर विवाद बढ़ा, जिसके बाद हबीब को माफी मांगनी पड़ी।
जोमेटो ने अपने एक विज्ञापन में एमसी और बीसी शब्द का इस्तेमाल किया। इसकी वजह से सोशल मीडिया पर कंपनी की काफी आलोचना हुई। बाद में कंपनी ने इस विज्ञापन के लिए माफी मांगी।
कंडोम बनाने वाली कंपनी मैनफोर्स ने नवरात्रि से पहले कंडोम का विज्ञापन निकाला। इसमें सनी लियानी लोगों से कहती दिखीं- इस बार नवरात्रि खेलें, लेकिन प्यार से। इस विज्ञापन पर काफी हंगामा हुआ, जिसके बाद कंपनी ने विज्ञापन वापस ले लिया।
डेनमार्क की गारमेंट कंपनी जैक एंड जोंस के विवादित विज्ञापन के बाद हंगामा मचा। इसे महिला विरोधी माना गया, जिसके बाद कंपनी ने माफी मांगते हुए विज्ञापन को वापस ले लिया।
फैशन और जूलरी डिजाइनर सब्यसाची ने मंगलसूत्र का विज्ञापन दिया। विज्ञापन अश्लीलता के साथ-साथ हिंदू धर्म की आस्था के खिलाफ माना गया और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई।
परफ्यूम कंपनी सेट वेट ने डिओ के लिए विज्ञापन निकाला, जिस पर काफी विवाद हुआ। कंपनी ने हंगामा ब़ता देख माफी मांगने में अपनी भलाई समझी।
एडिडास ने इस साल की शुरुआत में अलग-अलग तरह के स्पोेर्ट्स ब्रा का विज्ञापन दिया। इस विज्ञापन को न सिर्फ अश्लील बल्कि, महिला विरोधी भी माना गया। यूरोप के कई देशों में विरोध के बाद इसे बैन कर दिया गया।