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जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय: काबुल हमले में बिछड़े 3 साल के बच्चे के साथ कुछ ऐसा ही हुआ...
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ये कहानी है 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमले में अपने परिवार से बिछड़ गए तीन साल के एक बच्चे की। जो काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट के बाद अपनी मां और भाई-बहनों से बिछड़ गया था। लेकिन 28 अगस्त को किसी तरह दोहा (कतर) पहुंच गया।
दरअसल, काबुल एयरपोर्ट पर एक 17 साल के बच्चे ने धमाकों के बाद मची अफरातफरी के बीच 3 साल के अली (परिवर्तित नाम) को ना सिर्फ सुरक्षित वहां से बाहर निकाला बल्कि अमेरिकी सैनिकों की मदद से उसे दोहा की फ्लाइट में बैठा दिया गया।
दोहा पहुंचने पर उसे एक अनाथालय में रखा गया। अली ने कतर में दो सप्ताह बिताए, जहां न केवल उसका इलाज किया गया बल्कि कतर के अधिकारियों ने उसके पिता को ढूंढ निकाला, जो 2 साल से कनाडा में रह रहे हैं।
सहायक विदेश मंत्री एच ई लोलवाह अल खटर ने ट्वीट में कहा- 'काबुल हवाई अड्डे पर विस्फोट के दौरान अपनी मां से अलग होने के बाद अली पिछले कुछ हफ्तों से हमारे विशेष अतिथि थे। कनाडा दूतावास के साथ काम करते हुए, हमने उनके पिता की पहचान की और वे फिर से मिल गए। शुभकामनाएँ अली, हम सब आपको यहाँ याद करेंगे, हम आशा करते हैं कि आप यहां वापस आएंगे।'
आखिरकार, अली को सोमवार (13 सितंबर) को अपने पिता शरीफ (परिवर्तित नाम) से टोरंटो के पियर्सन हवाई अड्डे पर मिला। बेटे को देख पिता अपने इमोशन रोक नहीं पाए। बेटे ने भी अपने पिता को देख उन्हें प्यारी से किस दी।
अली के पिता शरीफ, जो दो साल पहले कनाडा आने से पहले अफगानिस्तान में सूखे मेवे का कारोबार करते है, उन्होंने बताया कि वह पिछले 2 हफ्तों से रातों को सोए नहीं थे, वह यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि बच्चे के परिवार से अलग होने के बाद उसके बेटे का क्या हुआ। बेटे को दोबारा देखने के बाद उन्होंने बताया कि उनके पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।
वहीं, अली की मां जो पिछले 2 हफ्तों से हर पल अपने आप को कोस रही थी, उनके लिए बेटे से दूर होने का दर्द क्या होगा, इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। अब बेटे से दोबारा मिलकर उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिली है।