इस फसल की खेती से कमा सकते हैं 10 लाख तक की कमाई, 350 क्विंटल तक होता है उत्पादन
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साल भर होती है खेती
पपीते के खेती कि सबसे अच्छी बात होती है कि इसकी खेती साल भर की जाती है। बाजार में इसकी कई तरह की किस्में आती हैं जो 12 महीने उत्पादन देती हैं। पपीते के बीच मुख्य रूप से सितंबर और मार्च अप्रैल में बाए जाते हैं यहीं कारण है कि इस फसल की खेती आप सालभर कर सकते हैं।
कैसे लगाएं पपीते के पौधे
पपीते के पेड़ छोटी-छोटी क्यारी बनाकर लगाए जाते हैं। बीज बोने के करीब 10 से 12 दिन बाद ये जम जाते हैं। जब बेड़ बड़ा हो जाए तो आप इसकी दूसे जगह पर रोपाई कर सकते हैं। पपीते के पेड़ को पानी और धूप की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए ऐसी ऐसी जमीन में लगाएं जहां उसे आसानी से पानी और धूप दोनों मिल जाएं। इसके लिए अधिकतम 38 डिग्री से 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होना चाहिए। लू और पाले से इस फसल को नुकसान होता है।
देश के कई राज्यों में होती है खेती
देश के कई राज्यों में पपीते की खेती होती है। बिहार, असम, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में इसकी खेती की जाती है।
जल्दी फल देता है पपीता
पपीता के पेड़ जल्दी फल देना शुरू कर देते हैं। इसलिए इसे अधिक उपजाऊ भूमि की जरुरत है। देसी खाद इसे लिए सबसे उपयुक्त होती है। खाद की यह मात्र इसे ज्यादा नहीं देनी पड़ती है। केवल 2 से तीन पर इसके पेड़ में खाद डाली जाती है। गोबर की खाद इसके लिए सबसे उपयोगी मानी जाती है।
कब तोड़नी चाहिए फसल
पपीते की फसल की तुड़ाई का एक समय होता है। अगर आप कच्चा पपीता तोड़ना चाहते हैंतो हरा होने के बाद फल का आकार बढ़ने के बाद आप इसे तोड़ सकते हैं। अगर आप पकने का इंतजार कर रहे हैं तो हरे पपीते में जबब पीलापन शुरू हो जाए तब डंठल सहित इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए।
कितना होता है उत्पादन
पपीते के एक पेड़ में कम से कम 50 किलो का उत्पादन होता है। एक पपीते का आकार कम से कम 2 किलो के करीब होता है। ऐसा माना जाता है कि पपीते की प्रति हेक्टेयर राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादकता 317 क्विंटल है। एक एकड़ जमीन में करीब दो हजार पौधे लगाए जा सकते हैं।
कितनी होती है कमाई
पपीते की खेती के बारे में कहा जाता है कि अगर मार्केट में इसकी कीमत अच्छी रही तो किसान को एक एकड़ जमीन में कम से कम 5 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी भी हो सकती है। बता दें कि पपीते की खेती में लगात कम लगती है। अगर पेड़ में किसी तरह का रोग लग जाता है फिर इसमें कीटनाशक का उपयोग किया जाता है जिसके बाद इसकी लागत बढ़ जाती है।