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कोरोना में खराब और ज्यादा खराब स्थिति कब होती है, ऐसे में क्या करना चाहिए? AIIMS की गाइडलाइन्स को पढ़ लें
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1. जब कोरोना के हल्के लक्षण हों
सबसे पहले कोविड-19 की पहचान करना जरूरी है। इसका एक छोटा सा लक्षण बुखार और सांस फूलना है। अगर ये लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे व्यक्ति को सेल्फ आइसोलेट हो जाना चाहिए।
क्या करना चाहिए- जब कोरोना के हल्के लक्षण तो उस समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है
1 - कोविड मरीज से दूरी बनाएं, घर में भी मास्क का उपयोग करें और हाथ को अच्छे से धोएं।
2 - डॉक्टर से लगातार संपर्क बनाएं रखें।
3 - अपने ऑक्सीजन और टैंपरेचर पर नजर बनाए रखें।
कब होगी मेडिकल की जरूरत?
हल्का सर्दी बुखार में भी लोग घबरा जा रहे हैं। ऐसे में नई गाइडलाइन में कहा गया है कि जब सांस लेने में दिक्कत हो या फिर पांच दिन से ज्यादा बुखार और कफ हो तो तुरंत चेकअप करवाएं।
2. ज्यादा लक्षण दिखने पर क्या करें?
कोरोना के ज्यादा लक्षण होने की पहचान सांस लेने की दर का अचानक से घट जाना है। ऐसे मामलों में मरीज को तुरंत एडमिट करवा देना चाहिए। सांस के ज्यादा फूलने पर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाना चाहिए।
एंटी इनफ्लेमेटरी या इम्यूनोमोड्यूलेटरी थैरेपी
कोरोना के ज्यादा लक्षण दिखने पर आपको Methylprednisolone 0.5 to 1 mg/kg का इजेक्शन दो अलग-अलग डोज में लेना चाहिए। इसके अलावा खुद को सुरक्षित रखने के लिए डॉक्टर के संपर्क में रहें।
3. जब ज्यादा तबीयत खराब होने लगे
कोरोना में जब तबीयत ज्यादा खराब होने लगती है तब आपकी धड़कन की रेट 30/min हो जाती है। ऐसे में मरीज को ICU में भर्ती करवा देना चाहिए।
5-10 दिन में लें ये इंजेक्शन
कोरोना की वजह से जब मरीज की हालत बेकाबू हो जाए तो ऐसे में Methylprednisolone 1 to 2mg/kg IV इंजेक्शन लें। इसकी दो अलग-अलग डोज 5-10 दिन के अंदर ही लें।