Covid 19: क्यों जरूरी है Oximeter, इसे लेकर जान लें सभी जरूरी बातें
ट्रेंडिंग डेस्क : कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनारक साबित होती जा रही है। भारत में रोजाना इसके लाखों मरीज सामने आ रहे हैं। मरीजों में सबसे ज्यादा खतरा ऑक्सीजन के कम होने का है। जिसे मॉनीटर करने के लिए लोग समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल माप रहे हैं। ऑक्सीजन मापने के लिए oximeter का इस्तेमाल किया जाता है। oximeter होता क्या है, कैसे काम करता है और इंसान के शरीर में सही ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए ये सब जानें इन तस्वीरों के जरिए..

क्या होता है oximeter
oximeter एक मेडिकल डिवाइस है। कोरोनाकाल में ये छोटी सी मशीन सबसे ज्यादा उपयोग की जा रही है।
कैसे काम करता है oximeter
एक छोटा उपकरण है जो एक बड़े कपड़े के पिन जैसा होता है। इस हाथ की एक उंगली या Earlobe (कान का निचला हिस्सा) पर लगाया जाता है। यह एक व्यक्ति के ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा को मापता है।
किस तरह मापी जाती है रीडिंग
इस डिवाइस को उंगली पर लगाकर 1 मिनट इंतजार करें। इसके बाद डिस्पेल पर ऑक्सीजन रीडिंग और पल्स रेट आ जाता है। इसे लगाने से किसी तरह का दर्द नहीं होता है।
क्या होता है SPO2 और HR
oximeter के दिखने वाला SPO2 का मतलब सीरम (s), प्रेशर (p), ऑक्सीजन (o2) होता है। वहीं, HR जो डिस्पेल पर नजर आता है, उसका मतलब हार्ट रेट होता है।
कितना होना चाहिए SPO2 और HR
ऑक्सीजन लेवल 96 फीसदी होना चाहिए। पल्स रेट या हार्ट रेट 1 मिनट में 70 होनी चाहिए।
नॉर्मल ऑक्सीजन लेवल
90% से कम ऑक्सीजन लेवल पर व्यक्ति को डॉक्टर की जरुरत होती है। वहीं, 90-94% ऑक्सीजन संभावित हाइपोक्सिमिया को दर्शता है और 95% से ज्यादा ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल होता है।
कितने बार चेक करें ऑक्सीजन लेवल
कोरोना के मरीजों को दिन में 3 से 4 बार oximeter के जरिए ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए।