रियल बॉस: दिलचस्प 10 तस्वीरों में देखिए प्रकृति की ताकत, नहीं चला इंसान का जोर
ट्रेंडिंग डेस्क। प्रकृति पर किसी का जोर नहीं चलता। आप चाहे जो भी हों, मगर बॉस बस एक ही है और वो है नेचर। ज्वालामुखी से लेकर तूफान, सूखा से लेकर बाढ़, नदी, झरने, पेड हो या पहाड़। इन सभी के इतने उदाहरण देखने को मिल जाएंगे कि आपका मुगालता दूर हो जाएगा कि हां यहां प्रकृति ही ताकतवर है और उसके आगे इंसान का कोई जोर नहीं चलता। आप उसके रास्ते में आएंगे, तो वह तिनके की तरह सब कुछ बहा ले जाएगा। जी हां, बिल्कुल वैसे ही जैसे केदारनाथ त्रासदी में। नदी के रास्ते में आपने चाहे कुछ भी बना लिया हो, मगर उसे जब मचलने का दिल करेगा, तो वह ऐसा ही करेगी। फिर उस पर आपका कोई अख्तियार नहीं होगा। वह सब नेस्तनाबूत कर देगी। ऐसी दस रियल और दिलचस्प तस्वीरें हम आपको दिखा रहे हैं, जिससे आप आसानी से प्रकृति की ताकत का अंदाजा लगा लेंगे और यह मान लेंगे कि हां, असली बॉस वही है। तो आइए तस्वीरों पर गौर करें।

इंसान ने मेटल का पोस्ट बॉक्स लगा दिया तो क्या, मगर पेड़ जब अपनी आएगा, तो फैलेगा ही। फिर वह आपको अपने अंदर समेट लेगा। ब्रिटेन के वेल्स में इस पोस्ट बॉक्स का यही हाल हुआ।
यहां भी यही हाल हुआ इस पोस्ट बॉक्स का। ब्रिटेन के कॉर्डिफ में सड़क किनारे लगे इस पोस्ट बॉक्स को पहले से जमे पेड़ ने हटने को तो नहीं कहा, मगर उसे खुद में समा लिया। अब इसे देखने के लिए दूर-दर से लोग आते हैं।
ज्वालामुखी तो खतरनाक होता ही है, मगर उसका लावा भी कम खतरनाक नहीं। मगर यहां ज्वालामुखी से निकले लावे ने कलात्मक स्वरूप धारण कर लिया और इस तरह यह टूरिस्ट प्लेस बन गया। यह कामोकूना स्काइलाइट नाम से मशहूर है।
इसे इंसानों नहीं देवताओं का झरना कहते हैं। इसका नाम ही गॉडफॉस है। इसकी खूबसूरती यहां आने के बाद ही पता लगती है। बरहहाल, मौसम भी कम ताकतवर नहीं है। इस विशाल और तेज प्रवाह वाले झरने को पलभर में फ्रीज कर दिया।
आप मेरे रास्ते में मत आओ.. मैं आपके रास्ते में नहीं आऊंगा। मगर यहां तो इंसान ने रेगिस्तान को भी नहीं छोड़ा। दुबई में इंसान ने रेगिस्तान पर कब्जा करना चाहा, मगर उसने अपना अस्तित्व फिर भी नहीं छोड़ा।
आप सोच रहे हाेंगे ये बिजली है या फिर डायनासोर, जो कि आसमान से नीचे आने को बेताब है। दरअसल, ये बिजली ही है जिसकी चमक का आकार डायनासोर की प्रजाति टायरेनासोरस यानी टी-रेक्स से मिलती-जुलती थी। सोशल मीडिया पर इसके बहुत से फनी फोटो चलते रहे हैं।
समुद्र में छोटे-मोटे फनेल बनते रहते होंगे। एक बार में इनकी संख्या भी एक ही होगी। मगर यहां तो मामला कुछ और ही है। इसे देखकर बड़े-बड़े जहाज समुद्र में उतरने की हिम्मत नहीं करते और जब यह किनारे पर आ जाए, तो सिर्फ तबाही मचाता है।
इसको कहते हैं, जड़ें मजबूत होना। इंसान के लिए हमेशा कहा जाता है, चाहे कितने भी बड़े हो जाओ, कितनी भी दूर चले जाओ, मगर अपनी जड़ें नहीं छोड़ना। मगर यहां कितनों ने अपना अपना गांव छोड़ा और दोबारा देखने नहीं गए, मगर इस पेड़ ने अपनी जड़ों का वहीं विस्तार किया।
अंदर की गर्मी निकल जाए तो मन को शांति मिलती है। मगर गर्मी बाहर आए तो विनाश का कारक बनती है। हालांकि, ज्वालामुखी का तो स्वभाव ही यही है। वह अगर अंदर के लावे को नहीं निकालेगा तो प्रलय मचेगी। ऐसे में यह भी जरूरी है और कई बार यह बड़े काम की होती है।
कहा जाता है पानी अपना रास्ता बना ही लेता है। आप उसके रास्ते में कोई भी अतिक्रमण कर लीजिए, उसके प्रवाह को नहीं रोक सकते, हां, कुछ समय के लिए बांध जरूर सकते हैं, मगर वह भी तब तक ही, जब तक खुद पानी ऐसा चाहता है।