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हर चीते के शरीर की बिल्कुल अलग, कैद में भी रहे तो 20 साल जिंदा रहता है, पढ़ें शानदार जानवर से जुड़े रोचक तथ्य
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भारत में चीता 1952 में विलुप्त हो गया था और तभी इस बात का ऐलान भी कर दिया गया। उसके करीब 20 साल बाद कोशिश शुरू कर दी गई कि भारत में फिर दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर आ जाए।
दावा किया जाता है कि यह शानदार जानवर 20 साल तक भी अगर कैद में रहे तो जिंदा रह सकता है। हालांकि, जंगल में इस जानवर की उम्र 14 साल है। एक स्वस्थ्य चीते का वजन औसतन 77 से 143 पाउंड तक हो सकता है।
यही नहीं, हर चीते की शारिरिक बनावट बिल्कुल अलग होती है। शरीर के अंग और रीढ़ लंबी छलांग में मदद करती है। यह उन्हें टॉप स्पीड में पहुंचने में भी मददगार साबित होती है।
बता दें कि चीते बहुत तेज दौड़ते हैं। दावा तो यहां तक भी किया जाता है कि यह धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला स्तनधारी है। इसकी रफ्तार सिर्फ तीन सेकेंड में ही 64 मील प्रति घंटे तक पहुंच जाती है।
वैसे, चीतों की यह तेज रफ्तार बहुत लंबे समय तक नहीं रह पाती। वह करीब 30 सेकेंड तक इस स्पीड को मेनटेन रख पाता है, इसके बाद रफ्तार कम होने लगती है। मगर इतने में वह अपना काम कर लेता है।
दुनिया में धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला इंसान अब तक उसेन बोल्ट है जिसकी रफ्तार 27 मील प्रति घंटे है। वहीं, चीता सबसे तेज जानवर है और इसे धरती का सबसे तेज रफ्तार वाला जीव भी कह सकते हैं।
हालांकि, चीता दहाड़ता नहीं है और इसी लिए बहुत से वैज्ञानिक इसके बिग कैट होने के तर्क को सिरे से खारिज कर देते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है बिग कैट उन्हें ही कहना उचित होगा, जो दहाड़ते हैं।
शेर, बाघ, तेंदुआ और जेगुआर जैसे बिग कैट श्रेणी में आते हैं, क्योंकि इनकी दहाड़ जबरदस्त होती है। चीते को शेर, लकड़बग्घे या फिर तेंदुए से खतरा भी रहता है। चीता इसी लिए दिन में शिकार करता है, रात में नहीं।
अक्सर चीता और तेंदुआ को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन रहता है। दोनों के शरीर पर काले धब्बे एक जैसे होते हैं। हालांकि, इनके बीच कुछ सामान्य अंतर हैं, जिससे दोनों की पहचान की जा सकती है।
हालांकि, चीता पर दुनियाभर में लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है और इसलिए इसे न सिर्फ भारत में बल्कि, दुनियाभर में बेहतर संरक्षण की जयरत है।