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आने वाले कुछ सालों में गायब जाएगा 1 करोड़ की आबादी वाला ये शहर, हर वक्त इतनी जमीन धंस रही अंदर
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इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं। दुनिया के तमाम लोग जहां रोज अलग-अलग परेशानियों से जूझते होंगे तो वहीं यहां के लोग परेशान हैं पानी, दलदल और हर पल धंसती जमीन से। साइंटिस्ट्स का मानना है कि जकार्ता 2050 तक पूरी तरह दलदल में समा जाएगा और समुद्र इसे अपने आगोश में ले लेगा।
आखिर क्यों हो रहा ऐसा?
वैज्ञानिक बताते हैं कि उत्तरी जकार्ता में हर साल 25 सेंटीमीटर की दर से जमीन नीचे धंस रही है। इसकी वजह से मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और नदियों व समुद्र का पानी शहर को डुबाने लगा है। समुद्र का पानी तेजी से आने पर यहां बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि जमीन धंसने से पानी वही ठहर जाता है, जिसने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।
अबतक धंस चुकी इतनी जमीन
आकंड़ों के मुताबिक पिछले एक दशक में ये शहर दलदलनुमा जमीन में लगभग 10 फीट अंदर समा गया है। दलदली जमीन पर बने इस शहर में बड़े निर्माण कार्यों ने और ज्यादा संकट पैदा कर दिया। दरअसल, इस दलदली जमीन के आसपास और नीचे से 13 नदियां निकलती हैं और जावा सागर की लहरें भी बेहिसाब आक्रमण करती हैं। इसकी वजह से शहर का ज्यादातर हिस्सा पानी में डूबा ही रहता है।
2050 तक खत्म हो जाएगा ये शहर
जकार्ता की जमीन पर दो दशकों से रिसर्च कर रहे एंड्रेस कहते हैं कि इस मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ये शहर विलुप्ति की कगार पर है। वे कहते हैं, 'अगर हम अपने आंकड़ों पर नजर डालें तो 2050 तक उत्तरी जकार्ता का 95 प्रतिशत हिस्सा डूब जाएगा।'
दुनिया में सबसे तेजी से डूबने वाला शहर
बता दें कि दुनिया के कई अन्य शहर भी हैं जो ग्लोबल वॉर्मिंग व ग्लेशियरों के पिघने से धीरे-धीरे डूब रहे हैं। पर इन सबमें जकार्ता के डूबने की रफ्तार कई ज्यादा है। साइंटिस्ट्स कहते हैं कि प्रकृति से छेड़छाड़ का अंजाम हमें और हमारी आने वाली पीढ़ियों को भुगतना ही पड़ेगा और इसकी शुरुआत हो चुकी है।