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कोरोना: विदेश में सिख समुदाय ने हर दिन 6000 लोगों को फ्री में बांटा खाना, देखें कैसे किया ये शानदार काम
कोरोना महामारी में कई लोग और संस्थाएं आगे आईं और लोगों की मदद कीं। लेकिन देश से बाहर कई सिखों ने कोरोना महामारी में जरूरतमंदों को खाना खिलाया। हम बात कर रहे हैं मेलबर्न स्थित सिख वालंटियर्स की। उन्होंने कोविड -19 महामारी शुरू होने के बाद से जरूरतमंद लोगों तक 10 हजार से ज्यादा बार खाना पहुंचाया। तस्वीरों में देखें इस सिख ग्रुप ने कैसे मदद की...
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सिख वालंटियर्स ऑस्ट्रेलिया (एसवीए) के बारे में जसविंदर सिंह कहते हैं, यह एक सैनिक अभियान की तरह है, जिसे हम चला रहे हैं।
2020 में महामारी की वजह से लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ऑपरेशन शुरू हुआ। इसके बाद पूरे शहर में लगभग 174,000 लोगों के लिए खाना बनाया और बांटा गया। यानी हर दिन 1500 लोगों के लिए खाना बनाया।
एसवीए के जरिए किसी भी जरूरतमंद को खाना पहुंचाने के लिए होम डिलेवरी भी कई गई। इनके वालंटियर्स अक्सर बाढ़ में भी जरूरतमंदों को खाना पहुंचाने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं।
पिछली गर्मियों में उन्होंने मेलबर्न से 120 किमी पूर्व में गिप्सलैंड का दौरा किया। पिछले मार्च में इनके वालंटियर्स ने एनएसडब्ल्यू बाढ़ में खाना पहुंचाया।
इतना ही नहीं, तूफान से सैकड़ों घर तबाह हो जाने के बाद जून में ये यारा घाटी में थे। सिंह ने कहा कि मेलबर्न के लॉकडाउन के दौरान खाना पहुंचाना एक चुनौती थी।
वालंटियर्स को हजारों लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त सामान खरीदना पड़ता था। लेकिन सुपरमार्केट में खरीदारी की सीमाएं थी। उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए परमिट की जरूत पड़ती थी।
उन्होंने कहा, लोग सोचते थे कि मुफ्त भोजन जैसी कोई चीज नहीं होती, लेकिन यह गलत साबित हुआ है।
SVA को साल 2020 के मानवाधिकार पुरस्कार मिले थे। संगठन क्रैनबोर्न वेस्ट के मेलबर्न में अपनी विशेष रसोई बना रहा है, जो खाना पकाने की क्षमता को चौगुना कर देगा। यहां 15 स्टोव बर्नर और बड़े फ्रिज रहेंगे। जसविंदर सिंह ने कहा कि हम एक दिन में लगभग 6000 लोगों का खाना बना सकते हैं।