6 बाय 6 की जगह में कर सकते है इस फसल की खेती, हो सकती है 10 गुना कमाई, जानें इसकी प्रोसेस
ट्रेंडिंग डेस्क: भारत एक कृषि प्रधान देश (agricultural country) है। यहां लगभग हर चीज की खेती की जाती है। उन्हीं में से एक मशरूम की खेती (Mushroom Farming), जो सबसे ज्यादा फायदा देने वाले कृषि-व्यवसायों में से एक है। इसे आप कम निवेश और स्थान के साथ शुरू कर सकते हैं। वैसे तो दुनिया भर में, चीन, अमेरिका, इटली और नीदरलैंड मशरूम के प्रमुख उत्पादक हैं। लेकिन भारत में, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा और केरल मशरूम का सबसे उत्पादन करते है। हालांकि, आप कहीं भी किसी भी मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं, इसकी प्रोसेस...
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मशरूम के प्रकार
मशरूम भारत में खेती के लिए बटन मशरूम, ऑयस्टर मशरूम और धान स्ट्रॉ उपयोग किए जाने वाले तीन प्रमुख प्रकार हैं। धान के पुआल मशरूम 35-40 डिग्री सेल्सियस के तापमान में बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर ऑयस्टर मशरूम उत्तरी मैदानों में उगाए जाते हैं जबकि बटन मशरूम किसी भी मौसम में उग सकते हैं। इन मशरूम को विशेष बेड में उगाया जाता है जिसे कम्पोस्ट बेड के रूप में जाना जाता है।
मशरूम की खेती का खर्च
मशरूम की खेती का काम आप 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए से शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें लागत का 10 गुना तक का फायदा हो सकता है। किसान एक किलो मशरूम को करीब 25-30 रुपए का में उगा सकता है। वहीं, बाजार में मशरूम की कीमत 250 से 300 रुपए किलो होती है।
कैसे करें मशरूम की खेती?
मशरूम की खेती के लिए आपको लाखों का इंवेस्टमेंट करने की जरूरत नहीं है। आप इसे अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं। इसके लिए कम से कम 6 बाय 6 की जगह चाहिए। इसके लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जहां सूरज की रोशनी ना पहुंचती हो और यहां का तापमान 15-22 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच होना चाहिए।
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मशरूम का बीज
मशरूम के बीज की कीमत लगभग 75 रुपए प्रति किलोग्राम होती है, जो कि ब्रांड और किस्म के अनुसार बदलती रहती है। इसके लिए आप अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से इसे खरीद सकते है।
बटन मशरूम कैसे उगाएं
बटन मशरूम उगाने का पहला कदम खुले में खाद बनाना है। बटन मशरूम की खेती के लिए कंपोस्ट यार्ड कंक्रीट से बने साफ, उभरे हुए प्लेटफॉर्म पर तैयार किया जाता है। ये कम्पोस्टिंग खुले में की जाती है, लेकिन बारिश के पानी से बचाने के लिए उन्हें ढक कर रखना चाहिए। तैयार की गई कम्पोस्ट 2 प्रकार की होती है - प्राकृतिक और सिंथेटिक कम्पोस्ट।
ट्रे में कम्पोस्ट भरना
तैयार खाद गहरे भूरे रंग की होती है। जब आप कम्पोस्ट को ट्रे में भरते हैं, तो वह न तो ज्यादा गीला होना चाहिए और न ही ज्यादा सूखा होना चाहिए। अगर खाद सूखी है तो पानी की कुछ बूंदों का छिड़काव करें। अगर बहुत गीला है, तो थोड़ा पानी वाष्पित होने दें। खाद फैलाने के लिए ट्रे का आकार 15 से 18 सेमी गहरा होना चाहिए। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि ट्रे सॉफ्टवुड से बनी हैं। ट्रे को किनारे तक खाद से भरा जाना चाहिए और सतह पर समतल किया जाना चाहिए।
उत्पन्न करना
स्पॉनिंग मूल रूप से मशरूम मायसेलियम को बेड में बोने की प्रक्रिया है। स्पॉन को प्रमाणित राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं से बेहद कम कीमत पर लिया जा सकता है। स्पॉनिंग 2 तरीकों से की जा सकती है - ट्रे में बेड की सतह पर कम्पोस्ट बिखेरकर या फिर ट्रे में भरने से पहले ग्रेन स्पॉन को कम्पोस्ट के साथ मिलाकर। स्पॉनिंग के बाद ट्रे को पुराने अखबारों से ढक दें। फिर नमी और नमी बनाए रखने के लिए शीट को थोड़े से पानी के साथ छिड़का जाता है। ऊपर की ट्रे और छत के बीच कम से कम 1 मीटर का स्थान होना चाहिए।
फसल
मशरूम के बीज रोपाई के तकरीबन 30 से 40 दिन बाद मशरूम देने के लिए तैयार हो जाते है। इसकी तुड़ाई के लिए मशरूम के डंठल को जमीन के पास से हल्का सा घुमाकर तोड़ लेना चाहि। जिसे बाद इन्हे बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है। मशरूम का भाव 250 से 300 रुपए किलो होता है। जिस हिसाब से किसान मशरूम की खेती कर अच्छा फायदा कमा सकते हैं।
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