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लग्जरी आइटम नहीं जीवनरक्षक उपकरण बन जाएगा AC, जानिए भारत में कितने लोग इस्तेमाल करते हैं एयर कंडीशनर
ट्रेंडिंग डेस्क। Nature Conservation Day 2022: जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में तापमान में वृद्धि हो रही है। सिर्फ भारत की बात करें तो बीते अप्रैल, मई और जून महीने में जो गर्मी पड़ी है, उससे यह अंदाजा लगाना आसान हो सकता है कि अब आने वाले जो साल होंगे, उनमें पारा कहां से कहां तक पहुंच जाएगा। ताजा उदाहरण यूरोप का लें, जहां कभी तेज पंखा भी चलाने की जरूरत नहीं पड़ती थी, वहां इस साल गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। यहां भी हालात पिछले पांच-छह साल में ज्यादा खराब हुए हैं और अब यहां एसी यानी एयर कंडीशनर की डिमांड बढ़ गई है। सिर्फ भारत की बात करें इस समय लगभग पांच करोड़ एसी इस्तेमाल हो रही है। यह आंकड़े इंटरनेशल एनर्जी एजेंसी की ओर से जारी किए गए थे। हालांकि, यह आंकड़ा 2020 में चार करोड़ 80 लाख था और माना जा सकता है कि दो साल में यह करीब 20 लाख तक बढ़ा होगा। आइए तस्वीरों के जरिए आने वाले 28 साल के जारी आंकड़ों पर गौर फरमाते हैं।

आईईए यानी इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की ओर से अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 28 साल में यानी वर्ष 2050 तक भारत में एयर कंडीशनर की संख्या करीब 23 गुना तक बढ़ जाएगी।
एजेंसी के इस अनुमान पर अगर आंकड़ों में बात करें तो वर्ष 2050 तक एयर कंडीशनर की संख्या लगभग 110 करोड़ तक पहुंच जाएगी और तब यह लग्जरी आइटम नहीं बल्कि, जीवन रक्षक उपकरण बन जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि एयर कंडीशनर की बढ़ती संख्या का बड़ा कारण जनसंख्या में बढ़ोतरी और दुनियाभर में तापमान में हो रही बढ़ोतरी जिम्मेदार है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है।
वहीं, दुनियाभर में बढ़ रहे तापमान को लेकर विशेषज्ञों का अनुमान है कि औद्योगिक काल से पहले की अपेक्षा पारा 1.01 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।
खासकर, इस वर्ष दुनियाभर के तमाम देश, जिसमें भारत के साथ-साथ अमरीकी, यूरोपीय और अफ्रीकी देश शामिल हैं, यहां गर्मी से लोगों की हालत खराब है। हीटवेव यानी लू के कारण लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए।
वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ते तापमान की वजह से गर्मी का कहर और बढ़ेगा। सिर्फ इस साल गर्मी की वजह से हजारों लोगों की मौत हुई और हर साल यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है।
वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को लेकर वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 28 साल यानी वर्ष 2050 तक यह दो डिग्री सेल्सियस और बढ़ जाएगा। ऐसे में गर्मी का प्रकोप साल-दर-साल नहीं बल्कि, दिन-ब-दिन बढ़ेगा।
गर्मी बढ़ने से नहीं चाहते हुए भी लोगों को एयर कंडीशनर पर निर्भर रहना होगा और इसकी मांग बढ़ेगी। करीब सौ करोड़ से अधिक लोग एयर कंडीशनर पर निर्भर होंगे और यह अगले 28 साल में होगा।
अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक भारत की आबादी करीब 20 करोड़ तक बढ़ जाएगी। ऐसे में आबादी का बढ़ना और तापमान का बढ़ना, दोनों ही एयर कंडीशनर की डिमांड को बढ़ाएगा।
इस तरह भारत में अभी जहां करीब पांच करोड़ एयर कंडीशनर हैं, वहीं अगले 28 साल में यह सौ करोड़ से अधिक बढ़ेगा यानी औसतन करीब पौने पांच करोड़ हर साल एयर कंडीशनर की संख्या बढ़ेगी।