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चीखती-चिल्लाती भागती लड़कियां-सड़कों पर बिछी 130 लाशें, 6 साल पहले हुए Paris Attacks की दर्दनाक तस्वीरें
Paris. पेरिस अटैक (Paris Attacks)। 13 नवंबर 2015 को पूरी दुनिया ने आतंकवाद (Terrorism) का नंगा नाच देखा। सेंट डेनिस (Saint Denis) में हुई इस घटना ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। सोचने पर मजबूर कर दिया कि सभी देशों को मिलकर ही आतंकवाद का सामना करने की जरूरत है। पेरिस अटैक में आतंकवादियों ने पहले स्टेडियम में घुसने की कोशिश की, लेकिन जब असफल रहे तो रात करीब 9 बजकर 15 मिनट में इंटरनेशनल फुटबॉल मैच (International Football Match) के दौरान सेंट-डेनिस में स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलावरों (Suicide Bombers) ने हमला किया। हमले की बाद की तस्वीरें सामने आईं तो सभी लोग दंग रह गए। सड़कों पर लाशें पड़ी हुई थीं। किसी को हाथ में तो किसी तो सिर में गोली लगी थी। 6 जगह हुए हमलों में 130 लोग मारे गए थे। तस्वीरों में देखें, कितना दर्दनाक था साल 2015 का पेरिस अटैक...
| Published : Nov 13 2021, 11:34 AM IST / Updated: Nov 13 2021, 11:38 AM IST
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कैफे और रेस्तरां में अंधाधुंध गोलियां चलाईं
हमलावरों के एक ग्रुप ने पेरिस में भीड़भाड़ वाले कैफे और रेस्तरां पर गोलियां चलाईं, जिनमें से एक ने खुद को भी उड़ा लिया। एक अन्य ग्रुप ने एक रॉक कॉन्सर्ट में गोलियां चलाना शुरू कर दिया, जिसमें बटाकलन थिएटर में 1500 लोग शामिल हुए थे।
130 लोगों की दर्दनाक तरीके से हत्या की गई
आंतकी हमले में 130 लोगों को दर्दनाक मौत दी गई। बटाकलन थिएटर में ही सिर्फ 90 लोग मारे गए। 416 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। हमले में 7 हमलावर भी मारे गए थे। इस हमले को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से फ्रांस में सबसे घातक में गिना जाता है।
किसने ली थी हमले की जिम्मेदारी?
इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) ने पेरिस हमले की जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने बताया था कि ये हमला सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर फ्रांसीसी एयरफोर्स के हमलों का जवाब है। दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि हमले इस्लामिक स्टेट पर किए गए अटैक का बदला थे।
सीरिया में तैयार हुआ था अटैक का प्लान
पेरिस अटैक का पूरा प्लान सीरिया में तैयार किया गया था। पेरिस में हमला करने वालों में दो इराकी थे। वहीं कुछ बेल्जियम में पैदा हुए थे, लेकिन सीरिया में लड़ाई की ट्रेनिंग ली थी। हमले के बाद देश भर में तीन महीने के लिए आपातकाल घोषित कर दिया गया था।
बिना वारंट पुलिस को तलाशी लेने का अधिकार मिला
पेरिस में हुए आतंकी हमलों के बाद पुलिस के ज्यादा अधिकार दे दिए गए। वे किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा सकते थे। इतना ही नहीं। उन्हें बिना वारंट के तलाशी लेने का अधिकार दिया गया। किसी को भी बिना मुकदमे के घर में नजरबंद कर दिया गया। आतंकवाद के कामों को बढ़ावा देने वाली वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया।
15 नवंबर को फ्रांस ने ऑपरेशन चम्मल का सबसे बड़ा हवाई हमला शुरू किया। ये इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बमबारी मिशन का ही हिस्सा था। खूफिया एजेंसियों ने हमले में शामिल लोगों को पकड़ना शुरू किया। 18 नवंबर को हमलों के संदिग्ध लीड ऑपरेटर अब्देलहामिद अबाउद को दो अन्य लोगों के साथ सेंट डेनिस में एक पुलिस छापे में मार गिराया गया।
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