जबलपुर के मालवीय चौक पर लगता था शरद यादव का जमघट, चाय,पान व मंगौड़े के साथ होती थी राजनीति
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उस दौर में जबलपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ रहे शरद यादव छात्र संघ की राजनीति में जमकर सक्रिय थे। 1974 में सेठ गोविंददास की सीट खाली होने के बाद शरद यादव उपचुनाव में जबलपुर से खड़े हुए और 25 साल की उम्र में सांसद बन गए।
ये ऐसा दौर था जब जबलपुर में कोई मालवीय चौक जाने की बात कहता तो ये समझ लिया जाता था कि व्यक्ति शरद यादव से मिलने जा रहा है।
इतिहासकार बताते हैं कि उस दौर में मालवीय चौक शरद यादव का ठिया हुआ करता था। इसी चौराहे पर खट्टू सिंधी की दुकान पर वे अक्सर बैठा करते और शहरभर के छात्र नेताओं का यहां जमघट लगा रहता था। सुबह से शाम तक केवल शरद यादव की वजह से यहां भीड़ देखने मिलती थी।
चाय, पान से लेकर मंगौड़े तक के वे जमकर शौकन रहे, खासतौर पर मशहूर देवा मंगौड़े वाला उनका पसंदीदा था। आज भी जबलपुर के देवा मंगौड़े सेंटर पर शरद यादव की तस्वीरें देखने मिलती हैं।
बता दें कि शरद यादव का जन्म मूलत: होशंगाबाद के सोहागपुर बाबई में हुआ था। इसके बाद वे पढ़ाई के लिए जबलपुर में रहने लगे थे। साइंस कालेज में बीएससी करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ाई शुरू की और यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई।
जबलपुर से शरद यादव ने पीपल कैंडिडेट के रूप में हलधर किसान चिन्ह के साथ चुनाव लड़ा था। ये पहला मौका था जब शरद यादव लोकसभा चुनाव में खड़े हुए थे। इस दौरान वे जेल में बंद थे और जेल में रहते हुए भी चुनाव जीत लिया था।