MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Viral
  • 1 चूहा जिसने बचाई हजारों लोगों की जान, अब रिटायर होकर कर रहा ये काम

1 चूहा जिसने बचाई हजारों लोगों की जान, अब रिटायर होकर कर रहा ये काम

ट्रेंडिंग डेस्क : अक्सर हमने देखा है कि सेना या पुलिस के काफिले में डॉग स्कॉड होता है जो बम या विस्फोटक का पता लगाने में मदद करता हैं। लेकिन क्या आपने कभी ‘रेट स्कॉड’का नाम सुना है, जो डॉग्स की तरह ही काम करता हो। आप सोच रहे होंगे की छोटा सा चूहा कैसे स्निफर का काम कर सकता है ? तो आपको बता दें कि के हम बात कर रहे हैं कि ऐसे ही एक चूहे की जिसने कम्बोडिया (Cambodia) में हजारों लोगों की जान बचाई है और अब तो इस रेट का रिटायरमेंट भी हो गया है। आइए आपको मिलवाते हैं, कम्बोडिया के जांबाज मागावा (Magawa) से...

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jun 08 2021, 09:24 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17

स्निफर रेट है मागावा
मगावा, एक पुरुस्कार विजेता बड़ा अफ्रीकी पाउच चूहा है। जिसने कम्बोडिया में 71 लैंडमाइन्स और 38 विस्फोटकों का पता लगाकर हजारों लोगों की जान बचाई थी। इतने लोगों की जान बचाने वाला ये चूहा अब रिटायर हो गया है।

27

चूहे के कारनामे
मूल रूप से तंजानिया के रहने वाले 7 साल के मागवा को बेल्जियम के चैरिटी एपीओपीओ (APOPO) में ट्रेन किया गया था। उनका कहना है कि मागावा ने अपने करियर में 225, 000 वर्ग मीटर क्षेत्र से खदानों में बारूद और विस्फोट का पता लगाया। 225, 000 वर्ग मीटर मतलब 42 फुटबॉल पिचों के बराबर, जो एक चूहे के लिए करना किसी करिश्मा से कम नहीं है।

37

ये है इन चूहों में खासियत
अफ्रीकी पाउच चूहा की सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है। यही कारण है कि कम्बोडिया में गृहयुद्ध के दौरान जंगलों में बिछाई गई हजारों बारूदी सुरंगों का पता लगाने स्निफर रेट को कम्बोडिया ने 2016 में अपने स्कॉड में शामिल किया था। 

47

इस तरह लगाता है विस्फोटक का पता
मागावा के ट्रेनर माइकल हेमेन कहते हैं कि वह जिस एरिया में घूमता है उसके साथ एक वॉलेंटियर भी होता है। मागावा को जहां लैंडमाइन या विस्फोटक का शक होता, वहां वो रुक जाता और जमीन को खुरचने लगता है। इसके बाद टीम वहां से उस विस्फोटक को हटा देती है। कम्बोडिया से पहले वह तंजानिया की कैमिकल फैक्ट्री में भी काम कर चुका है।

 

 

57

कई पुरुस्कार विजेता हैं मागावा
मगावा 77 सालों के पुरस्कारों में पीडीएसए मेडल हासिल करने वाला पहला चूहा है। जो बहादुर कुत्तों और बिल्लियों के एक शानदार बैंड में शामिल हुआ। पिछले साल सितंबर में उसे रोडेन्ट अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। इसके अलावा उसे कई सम्मान मिले हैं।

67

रिटायरमेंट के बाद करेगा ये काम
5 साल तक कम्बोडिया में ड्यूटी करने के बाद अब मागावा रिटायर हो गया है। बता दें, कि इन चूहों की उम्र 8 साल होती है और वह 7 साल का हो गया है। हालांकि अभी भी उसका स्वास्थ्य अच्छा है और वह फिट है। लेकिन अब मागावा रिटायरमेंट के बाद अपने फेवरट काम जैसे केले और मूंगफली खाना का काम करेगा। 

77

'बहुद याद आयेगा मागावा'
मागावा के ट्रेनर हेमेन कहते हैं कि वह एक "बहुत ही असाधारण चूहा है। हम उसे ऑपरेशन में बहुत मिस करेंगे।" बता दें कि मागावा के रिटायर होने के साथ ही कम्बोडिया में 20 नए ट्रेन्ड चूहों को बारूदी सुरंग का पता लगाने के लिए बुलाया गया है। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved