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World Snake Day 2022: खुली आंखों से कैसे सोते हैं सांप, रोने पर क्यों नहीं निकलते आंसू, 10 फोटो में रोचक फैक्ट
ट्रेंडिंग डेस्क। World Snake Day 2022: यदि आपने चिड़ियाघर किसी सांप को देखा, जो बिल्कुल भी हिलडुल नहीं रहा, आंखें खुली हैं, मगर पलकें नहीं झपका रहा, तो आपको यह लग रहा होगा कि वह आपको ही एकटक देख रहा है। अपने दिमाग में कैद कर रहा है। या फिर सम्मोहित करने की कोशिश कर रहा है। मगर असल में ऐसा है नहीं जनाब। दरअसल, सांप की पलकें नहीं होतीं, इसलिए वे कभी भी अपनी आंखें बंद नहीं करता। हां, अगर वह हिल नहीं रहा तो आप यह मान सकते हैं कि वह झपकी ले रहा है। जी हां, वह खुली आंखो से ही सोता है। वर्ल्ड स्नेक डे (World Snake Day) पर हम आपको सांपों से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट बताने जा रहे हैं। तो आइए दिलचस्प तस्वीरें देखते हुए सांपों के बारे में कुछ मजेदार और जरूरी बातें जानते हैं।

सांप अपनी आंखें खोलकर सोते हैं। वे पलकें नहीं झपकाते। अगर उनकी आंखें खुली हैं और वे हिल नहीं रहे तो यह बताना मुश्किल है कि वह जाग रहा है या फिर सो रहा। आपको एक मजेदार बात और बताते हैं। सांप की पलकें नहीं होतीं।
सांप की आंखों पर पलकों की बजाय पतली झिल्ली होती है जो उनके कार्निया को कवर करती है। इसे ब्रिल भी कहते हैं। यह उसकी त्वचा से जुड़ा होता है। वैसे वे अपनी आंखें नहीं बंद कर सकते, मगर सोते समय रेटिना को बंद कर लेते हैं।
सांप अपने जीवन में ज्यादातर समय जमीन पर या जमीन में रहते हैं। जब वे बिल वगैरह में गुजरते हैं, तब उनके चेहरे पर धूल, मिट्टी आदि पड़ती है। ब्रिल संवदेनशील कार्निया को खरोंचों या किसी अन्य क्षति से बचाता है।
पतली झिल्ली सीधे कार्निया पर नहीं होती, मगर तरल पदार्थ या आंसू के अंदरुनी स्राव पर पतली परत अलग हो जाती है और यह आंखों को नम रखती है। यही नहीं, मनुष्यों के लिए बेहतर कांटेक्टलेस विकसित करने के लिए वैज्ञानिक सांपों का अध्ययन कर रहे हैं।
आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि सभी सरीसृप की आंखों से आंसू निकलते हैं। रेटिना और ब्रिल के बीच का द्रव लेंस के पीछे आंसू ग्रंथियों द्वारा बनता है। आंख में नॉसोलेक्रिमल नलिका की तरल पदार्थ को मुंह की ओर रिक्त स्थान में बहा देती है। मगर ब्रिल त्वचा से जुड़ा होता है। इसलिए उनकी पलकों से आंसू नहीं बह सकते, जैसा कि स्तनधारियों में होता है। इसलिए सांपों को रोते हुए कभी नहीं देखा होगा आपने।
हर सांप चाहे वह जहरीला हो या नहीं, मांसाहारी ही होता है। वह कभी भी वनस्पतियां नहीं खाता। जीवित रहने के लिए उन्हें अधिक कैलोरी वाला खाना खाते हैं, क्योंकि उन्हें कई बार हफ्ते या दस दिन में एक बार ही भोजन मिलता है।
यह बात भी सही है कि सांप डरावने हो सकते हैं, मगर वे अजेय हैं, ऐसा मानना गलत है। सांप का शिकार अक्सर नेवले, बॉबकैट, कोयोट, लोमड़ी, रेकून, जंगली सुअर, कुछ प्रजाति के कछुए और शिकारी बड़े पक्षियों के अलावा कुछ दूसरे सांप भी होते हैं, जो उन्हें निगल जाते हैं।
इंसानों की मौत के हिसाब से देखा जाए तो दुनिया का सबसे खतरनाक सांप रसेल वाइपर है। हालांकि, यह उतना जहरीला नहीं, जितना की इनलैंड ताइपन है। रसेल वाइपर आक्रामक और चिड़चिड़ा माना जाता है। यह एक बार में 7 लोगों की जान आसानी से ले सकता है।
रसेल वाइपर एक साल में 50 हजार लोगों को मार देता है, इसलिए यह खतरनाक माना जाता है, जबकि इनलैंड ताइपन रसेल वाइपर की तुलना में काफी कम लोगों को मारता है। मगर इसका जहर बेहद खतरनाक होता है। काटने के बाद आदमी की मौत चंद मिनटों में हो जाती है।
दुनिया का सबसे छोटा सांप बारबाडोस में पाया जाने वाला बारबाडोस थ्रेडस्नेक है। यह ज्यादा से ज्यादा 4.09 इंच तक और कम से कम 3.94 इंच तक बढ़ता है। मादा एक बार में एक अंडा देती है और बच्चे की लंबाई तब उसकी आगे कुल बढ़ने वाली लंबाई का आधा होती है।