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20 साल बाद ऐसी है KBC के पहले करोड़पति की लाइफ, 13 साल पहले इनसे की शादी; अब हैं दो बच्चों के पिता
मुंबई। पॉपुलर गेम रियलिटी शो 'कौन बनेगा करोड़पति सीजन 12' 28 सितंबर से शुरू हो रहा है। साल 2000 में शुरु हुए 'केबीसी' के पहले विजेता मुंबई के हर्षवर्धन नवाथे बने थे। हर्षवर्धन के मुताबिक, जब बिग बी ने उनके हाथों में चेक थमाया तो इसके बाद वो रातोंरात सेलेब्रिटी बन गए थे। कॉलेजों में लेक्चर के लिए उन्हें बुलाया जाने लगा था। कई समारोह में उन्हें फीता काटने के लिए बुलाया गया। राजनीतिक रैलियों में शामिल हुए। लेकिन क्या विनर बनने के 20 साल बाद भी हर्षवर्धन की जिंदगी वैसी ही है, जैसी पहले थी। आइए जानते हैं केबीसी के पहले करोड़पति हर्षवर्धन नवाथे अब क्या कर रहे हैं और कैसी है उनकी लाइफ।
| Published : Sep 20 2020, 02:07 PM IST / Updated: Sep 20 2020, 03:17 PM IST
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर्षवर्धन महिंद्रा एंड महिंद्रा में (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) डिपार्टमेंट में हेड हैं। उन्होंने KBC की चमक से निकलने के बाद ही करियर के बारे में सोचना शुरू कर दिया था। वह इस कंपनी से साल 2005 से जुड़े हैं।
हालांकि, केबीसी में करोड़पति बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले IL&FS कंपनी में नौकरी शुरू की थी। इसके बाद वो नंदी फाउंडेशन में डायरेक्टर बने और फिर नंदी कम्युनिटी वॉटर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भी रहे।
हर्षवर्धन नवाथे की शादी साल 2007 में सारिका नीलत्कर से हुई। सारिका मराठी नाटकों, टीवी और फिल्मों में एक्टिंग करती हैं। नवाथे के दो बच्चे हैं। बड़े बेटे की उम्र 11 साल जबकि छोटे की 7 साल है। नवाथे का बड़ा बेटा अमिताभ बच्चन से मिल चुका है।
हर्षवर्धन के मुताबिक, केबीसी में मुझे 1 करोड़ रुपए का चेक मिला था। मैंने सारे पैसे, सेविंग अकाउंट में जमा करा दिए। इस पर टैक्स भी लगा। इस तरह, कुल 30 लाख रुपए का टैक्स भरना पड़ा था।
हर्षवर्धन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सबसे पहले मैंने मारुति एस्टीम वीएक्स खरीदी थी, जो उस वक्त 6 लाख रुपए की थी। इसके बाद पढ़ाई में पैसे लगाए। पहले सिंबॉयसिस पुणे में फीस दी जहां MBA करने गया था। फिर यूके में पढ़ाई की, तो वहां की फीस भी दी।
केबीसी में करोड़पति बनने के बाद हर्षवर्धन को नाम बदल कर एक होटल में रखा गया था। यहां वो पूरे 10 दिन तक रहे। हर्षवर्धन बताते हैं, ‘मुझे बिल्कुल रॉकस्टार जैसी फीलिंग आ रही थी। 24 घंटे सिक्युरिटी। लेकिन बहुत बोरिंग था वो समय। मैं बाहर लोगों के साथ सेलिब्रेट करना चाहता था, लेकिन न चाहते हुए भी उस होटल में बंद था।
हर्षवर्धन के मुताबिक, उन 10 दिनों के लिए मेरा नाम था, तरुण प्रभाकर। वैसे ये तरुण प्रभाकर, केबीसी के सिद्धार्थ बसु के सहयोगी का नाम था। दरअसल, हर्षवर्धन के करोड़पति बनने वाले एपिसोड की शूटिंग प्रसारण से पहले पूरी हो चुकी थी और इसका खुलासा प्रसारण से पहले न हो जाए, आयोजकों ने इस आशंका के चलते मुझे होटल में रखा था।
नवाथे को पॉलिटिक्स फील्ड पसंद है। हर्षवर्धन के मुताबिक, राजनीति में जाने से पहले समझ होना जरूरी है। साल 1992 की बात रही होगी, जब मुंबई में स्कूलों में होने वाले इलेक्शन पर बैन लग गया। लेकिन मेरे दोस्त हैं, जो राजनीति में हैं उनके साथ मैं हमेशा रहा। ये एक गंभीर विषय है। वह मुस्कुराते हुए कहते हैं कि मैं राजनीति में आऊंगा जरूर।
बता दें कि 2000 से शुरू हुआ केबीसी पहले सीजन के बाद दोबारा 2005 में शुरू हुआ, जो 2007 तक कंटीन्यू चला। फिर दो साल के गैप के बाद यह 2010 में शुरू हुआ और 2014 तक चला। फिर मेकर्स 2017 में इसका नया सीजन लेकर आए, जो अब तक रेग्युलर चल रहा है।