MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Entertainment
  • TV
  • KBC जीतते ही करोड़पति बना और शुरू हुआ जिंदगी का मुश्किल दौर,पत्नी से झगड़ा, शराब की लत और लोगों ने भी ठगा

KBC जीतते ही करोड़पति बना और शुरू हुआ जिंदगी का मुश्किल दौर,पत्नी से झगड़ा, शराब की लत और लोगों ने भी ठगा

मुंबई. कौन बनेगा करोड़पति (kon banega karodpati) जल्दी ही अपने 12वें सीजन के साथ टीवी पर वापसी कर रहा है। शो के होस्ट अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) ने शो के लॉन्च के लिए शूटिंग शुरू कर दी है। कोरोनावायरस (coronavirus) के मद्देनजर शो के फॉर्मेट में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं क्योंकि इस बार शो में लाइव दर्शक नहीं होंगे। शो में चार लाइफलाइन दी जाती है। जिनमें 50 – 50, फोन ए फ्रेंड, ऑडिएंस पोल और एक्सपर्ट एडवाइस शामिल हैं। ऑडियंस पोल को दर्शकों के अभाव में किसी अन्य लाइफलाइन से रिप्लेस किया जा सकता है। इसी बीच केबीसी 5 के विजेता रहे बिहार के सुशील कुमार (sushil kumar) ने फेसबुक पर अपने संघर्ष की कहानी बताई। उन्होंने लंबी-चौड़ी पोस्ट लिखकर बताया कि सेलिब्रिटी बनने के बाद उनकी जिंदगी का सबसे बुरा दौर शुरू हुआ था।

5 Min read
Asianet News Hindi
Published : Sep 13 2020, 01:43 PM IST| Updated : Sep 17 2020, 03:26 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
111

सुशील ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- केबीसी जीतने के बाद मेरी जिंदगी का सबसे बुरा समय शुरू हुआ था। 2015-2016 मेरे जीवन का सबसे चुनौती पूर्ण समय था, कुछ समझ नहीं रहा था क्या करें। लोकल सेलेब्रिटी होने के कारण महीने में दस से पंद्रह दिन बिहार में कहीं न कहीं कार्यक्रम लगा ही रहता था। इसलिए पढ़ाई लिखाई धीरे-धीरे दूर होती गई।

211

सुशील ने बताया- उस समय मीडिया को लेकर मैं बहुत ज्यादा सीरियस रहा करता था और मीडिया भी पूछ देती थी कि आप क्या कर रहे हैं। इसको लेकर मैं बिना अनुभव के कभी ये बिजनेस कभी वो करता था ताकि मैं मीडिया को बता सकूं की मैं बेकार नहीं हूं। इसका नतीजा यह होता था कि बिजनेस कुछ दिन बाद डूब जाता था।

311

उन्होंने आगे लिखा- केबीसी के बाद मैं दानवीर बन गया था और मुझे गुप्त दान का चस्का लग गया था। महीने में लगभग 50 हजार रुपए से ज्यादा ऐसे ही कामों में चले जाते थे। इस कारण कुछ चालू टाइप के लोग भी जुड़ गए थे और मुझे ठग कर चले जाते थे। 

411

इसका असर उनके परिवार पर भी पड़ा, जिसके बारे में सुशील ने बताया कि पत्नी के साथ भी संबंध खराब हो गए थे। वो अक्सर कहा करती थी कि आपको सही-गलत लोगों की पहचान नहीं है और भविष्य की चिंता नही है। ये सब बात सुनकर मुझे लगता था कि वो मुझे नहीं समझ पा रही है। इस बात पर खूब झगड़ा होता था।

511

उन्होंने ये भी माना कि इसके साथ कुछ अच्छी चीजें भी हो रही थी। दिल्ली में मैंने कुछ कार लेकर अपने एक मित्र के साथ चलवाने लगा था, जिसके कारण मुझे लगभग हर महीने कुछ दिनों दिल्ली आना पड़ता था। इसी क्रम में मेरी पहचान कुछ जामिया मिलिया में मीडिया की पढ़ाई कर रहे लड़कों से हुई, फिर आईआईएमसी में पढ़ाई कर रहे लड़के और फिर जेएनयू में रिसर्च कर रहे लड़के से। कुछ थिएटर आर्टिस्ट से भी पहचान बढ़ी। जब ये लोग किसी विषय पर बात करते थे तो मुझे लगता था कि मैं तो कुंए का मेढ़क हूं। मैं तो बहुत चीजों के बारे में जानता ही नहीं। इसी के साथ मुझे शराब और सिगरेट की लत भी लग गई।

611

उन्होंने बताया कि कैसे आई कंगाली की खबर। सुशील ने लिखा- उस रात प्यासा फिल्म देख रहा था और उस फिल्म का क्लाइमेक्स चल रहा था जिसमें माला सिन्हा से गुरुदत्त साहब कर रहे हैं कि मैं वो विजय नही हूं वो विजय मर चुका। उसी वक्त पत्नी कमरे में आई और चिल्लाने लगी कि एक ही फिल्म बार-बार देखने से आप पागल हो जाएंगे और यही देखना है तो मेरे रूम में मत रहिए, जाइए बाहर। लैपटॉप को बंद किया और मोहल्ले में चुपचाप टहलने लगा।

711

'अभी टहल ही रहा था तभी एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार का फोन आया और कुछ देर तक मैंने ठीक ठाक बात की। बाद में उन्होंने कुछ ऐसा पूछा जिससे मुझे चिढ़ हो गई और मैंने कह दिया कि मेरे सभी पैसे खत्म हो गए और दो गाय पाले हुए हैं उसी का दूध बेचकर गुजारा करते हैं। उसके बाद जो उस न्यूज का असर हुआ उससे आप सभी तो वाकिफ होंगे ही। उस खबर ने अपना असर दिखाया, जितने चालू टाइप के लोग थे वे अब कन्नी काटने लगे। मुझे लोगों ने अब कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया और तब मुझे समय मिला की अब मुझे क्या करना चाहिए'।

811

सुशील ने बताया कि इसी बीच एक दिन पत्नी से खूब झगड़ा हुआ और वो मायके चली गई। बात तलाक तक पहुंच गई। तब मुझे अहसास हुआ कि अगर रिश्ता बचाना है तो मुझे बाहर जाना होगा और फिल्म निर्देशक बनने का सपना लेकर चुपचाप बिल्कुल नए परिचय के साथ मैं आ गया। अपने एक परिचित प्रोड्यूसर मित्र से बात करके जब मैंने अपनी बात कही तो उन्होंने फिल्म संबंधी कुछ टेक्निकल बातें पूछी, जिसको मैं नहीं बता पाया। 

911

एक बड़े प्रोडक्शन हाउस में आकर काम करने लगा। वहां पर कहानी, स्क्रीन प्ले, डायलॉग कॉपी, प्रॉप कॉस्टयूम और न जानें क्या करने, देखने, समझने का मौका मिला। उसके बाद मेरा मन वहां से बेचैन होने लगा। वहां पर बस तीन ही जगह आंगन, किचन और बेडरूम में ज्यादातर शूट होता था। मैं तो मुंई फिल्म निर्देशक बनने का सपना लेकर आया था और एक दिन वो भी छोड़कर अपने एक गीतकार मित्र के साथ उसके रूम में रहने लगा।

1011

दिनभर अकेले ही रहने से और पढ़ने-लिखने से मुझे खुद के अंदर निष्पक्षता से झांकने का मौका मिला। और मुझे ये अहसास हुआ कि असली खुशी अपने मन का काम करने में है। मैं मुंबई से घर आ गया और टीचर की तैयारी की और पास भी हो गया। साथ ही अब पर्यावरण से संबंधित बहुत सारे कार्य करता हूं। अब जीवन में हमेशा एक नया उत्साह महसूस होता है।

1111

आखिर में सुशील ने लिखा- बस यही सोचते हैं कि जीवन की जरूरतें जितनी कम हो सके रखनी चाहिए, बस इतना ही कमाना है कि जो जरूरतें वो पूरी हो जाएं।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved