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इस सीन को शूट करते वक्त रियल में रो पड़ी थीं 'द्रौपदी', मेकर्स को बनवानी पड़ी थी 250 मीटर लंबी साड़ी
मुंबई। 'महाभारत' (Mahabharat) में द्रौपदी (Draupadi) के किरदार से पॉपुलर हुईं एक्ट्रेस रूपा गांगुली (Roopa Ganguly) 54 साल की हो गई हैं। 25 नवंबर 1966 को कल्याणी, कोलकाता में जन्मी रूपा ने हिंदी के साथ-साथ बंगाली टीवी और फिल्मों में भी काम किया है। कोरोना लॉकडाउन के वक्त दूरदर्शन पर महाभारत का प्रसारण किया गया था। वैसे तो महाभारत से जुड़े कई इंटरेस्टिंग किस्से हैं, लेकिन रूपा गांगुली के बर्थडे पर हम शेयर रहे हैं इससे जुड़ा एक इमोशनल किस्सा।
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बीआर चोपड़ा की महाभारत में काम करने वाले सभी स्टार्स ने अपने किरदार को बड़ी ही शिद्दत से निभाया था। इस शो में एक सीन बेहद खास था और वो था द्रोपदी चीर हरण का। इस सीन को लेकर बीआर चोपड़ा काफी सीरियस थे। इस सीन को वे सबसे बेहतरीन बनाना चाहते थे ताकि दर्शकों के दिलों में इस सीन की यादें बरसों तक रहें।
कम ही लोगों को पता है कि बीआर चोपड़ा ने इस सीक्वेंस के लिए खास तैयारी की थी। उन्होंने एक लंबी चौड़ी साड़ी तक अरेंज की थी। सीन को इम्प्रेसिव बनाने के लिए बीआर चोपड़ा ने 250 मीटर की एक अनकट साड़ी बनवाई थी। इस साड़ी को तब इस्तेमाल किया जाना था, जब द्रौपदी का चीरहरण होता और श्रीकृष्ण उनकी लाज बचाते हैं।
यह सीन शूट होने से पहले रूपा गांगुली से मेकर्स ने कहा था कि वे खुद को उसी मिजाज में लेकर जाएं जब किसी महिला को बालों से खींचकर भरी सभा में लाया जाता है और उसका वस्त्र हरण किया जाता है। रूपा ने इसकी खास तैयारी की थी और सीक्वेंस शूट होते वक्त वो बहुत ज्यादा इमोशनल हो गई थीं।
यह सीन इतना दमदार इसलिए भी बना क्योंकि इसे पूरा एक बार में शूट किया गया था। मेकर्स ने बताया कि द्रौपदी के चीरहरण का सीक्वेंस इतना दर्दनाक था कि उसे करते वक्त रूपा गांगुली रियल में रोने लगी थीं। रूपा सेट पर इतना रोईं कि मेकर्स और बाकी स्टार कास्ट को उन्हें चुप कराने में घंटाभर लग गया था।
बता दें कि रूपा गांगुली से पहले द्रौपदी का रोल जूही चावला को ऑफर किया गया था। हालांकि उस समय जूही को आमिर खान के साथ फिल्म कयामत से कयामत तक में काम करना था। इसके चलते जूही ने मना कर दिया और बाद में ये रोल रूपा गांगुली को मिल गया।
महाभारत को बीआर चोपड़ा और उनके बेटे रवि चोपड़ा ने मिलकर डायरेक्ट किया था। बीआर चोपड़ा की महाभारत की सफलता के पीछे का कारण थी उसकी स्टारकास्ट। ये शो 2 अक्टूबर 1988 को शुरू हुआ और घर-घर में पॉपुलर हो गया था।
रूपा गांगुली ने अपना डेब्यू एक बंगाली सीरियल 'मुक्तबंध' से किया था। 1986 में उन्होंने दूरदर्शन के टीवी सीरियल गणदेवता से हिन्दी करियर की शुरुआत की। इसमें उनके काम को देखकर बीआर चोपड़ा ने महाभारत में द्रौपदी के रोल के लिए उन्हें कॉस्ट कर लिया था।
द्रौपदी के रोल में पॉपुलर होने के बाद उन्होंने गौतम घोष की पोद्मा नोदीर माझी (1993), अपर्णा सेन की युगांत (1995) और रितुपर्णो घोष की अंतरमहल (2006) जैसी फिल्मों में काम किया और सुर्खियां बटोरीं।