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घर से एक जैसे रंग के कपड़े पहन निकली मां-बेटी, फिर खूब किए मजे, श्वेता तिवारी ने ऐसे मनाया बर्थडे
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बेटी पलक तिवारी ने मॉम श्वेता के साथ सेलिब्रेशन की फोटोज अपने इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा- हैपी बर्थडे टू माय जूनियर तिवारी।
सामने आई फोटोज में देखा जा सकता है कि श्वेता तिवारी ने बेटी पलक के साथ खूब मस्ती की। कोरोना से ठीक होकर करीब 14 दिन बाद घर से बाहर निकलीं श्वेता की खुशी चेहरे पर साफ झलक रही थी।
मम्मी श्वेता के बर्थडे के मौके पर बेटी पलक ने उन्हें एक केक बनाकर खिलाया है। इसे देखकर श्वेता बेहद खुश हुई क्योंकि उनके जन्मदिन को बेटी ने खास बनाया है। श्वेता का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था। श्वेता ने अपने इंस्टाग्राम पर केक के कई फोटोज भी शेयर की। इस मौके पर एक वीडियो भी श्वेता ने शेयर किया है।
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही श्वेता कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं। उस वक्त वह टीवी शो 'मेरे डैड की दुल्हन' की शूटिंग कर रही थीं। श्वेता होम क्वारंटाइन में थीं और बेटी पलक उनका ख्याल रख रही थीं।
मां-बेटी में बेहतरीन बॉन्डिंग है। पलक, श्वेता के पहले पति राजा चौधरी की बेटी है। वे जल्द ही विवेक ओबेरॉय के प्रॉडक्शन की फिल्म 'रोजी' से बॉलिवुड में डेब्यू करने जा रही हैं।
बता दें कि श्वेता, दोनों पति से अलग होने के बाद अपने बच्चों की अकेले ही परवरिश कर रही है। पलक ने एक इंटरव्यू में मां श्वेता की जिंदगी से जुड़ी कई बातों को शेयर की थी। उन्होंने बताया था- मॉम को मैंने तपड़ते और घुट-घुटकर जीते देखा है। उन्होंने ये भी बताया कि कैसे उन्होंने अपनी मां को बहुत कुछ सहते देखा है।
पलक ने पिंकविला से बातचीत में कहा था- 'मैं अपनी मां पर गर्व करती हूं। बचपन में जब वो मेरे स्कूल में टीचर के साथ मीटिंग के लिए आया करती थीं तो मुझे गर्व महसूस होता था कि ये मेरी मां है। आपको ऐसा फील करने के लिए आपके माता-पिता का फेमस होना या एक्टर होना जरूरी नहीं है।'
पलक ने बताया था कि कैसे उन्होंने अपनी मां को बड़ी-बड़ी मुश्किलों का सामना करते देखा है। उन्होंने कहा- 'हमारी निजी जिंदगी में हमने कई लड़ाईयां लड़ी हैं। मैंने उन्हें हर चीज से गुजरते देखा है। ऐसी चीजें जो आज मेरे सामने भी आ रही हैं।
पलक ने कहा था कि उनकी मां ने कभी भी खुद पर नकारात्मकता का प्रभाव नहीं पड़ने दिया। क्योंकि लोग चीजों को अलग तरीके से हैंडल करते हैं और जब लोग अपनी जिंदगी का बुरा समय झेल रहे होते हैं तो खुद में भी कुछ कड़वाहट आ जाती है। मेरी मां ने अपने आप में कड़वाहट नहीं आने दी। जब वो अपनी जिंदगी के मुश्किल दौर में थीं, तो उन्होंने और ज्यादा ताकत के साथ सबकुछ किया।