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काम मांगने सालभर यहां वहां भटका ये एक्टर फिर जाकर मिला 'जेठालाल' का रोल, अधूरी रह गई एक ख्वाहिश
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आपको बता दें कि उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्हें सालभर तक काम के लिए भटकना पड़ा था। इसके बाद जाकर कहीं उन्हें जेठालाल का रोल ऑफर हुआ था।
दिलीप गुजरात के पोरबंदर से 10 किमी आगे बसे गोसा गांव के हैं। वे शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं। वह अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं।
उन्होंने 12 साल की उम्र से थियेटर में काम करना शुरू कर दिया था। उन्हें पहला रोल एक स्टैच्यू का मिला था। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने पहले नाटक में 7-8 मिनट तक स्टैच्यू बनकर खड़े रहे थे। उन्हें दो बार इंडियन नेशनल थियेटर अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर का पुरस्कार भी मिल चुका है।
एक्टिंग की वजह से दिलीप ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उनको आज इस बात का मलाल है कि वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि मैं थियेटर करता था। इस दौरान मेरा ध्यान एक्टिंग की तरफ ज्यादा हो गया था और मैंने पढ़ाई छोड़ दी। मुझे इस बात का अफसोस है कि काश मैं अपनी पढ़ाई कर लेता।
एक्टिंग फील्ड को लेकर उनका कहना है कि यह काम स्थाई नहीं है। इस फील्ड में ऐसा नहीं है कि एक बार आपका रोल हिट हो गया तो जिंदगी भर आपको काम मिलता रहेगा। तारक मेहता शो मिलने से पहले मेरे पास एक से डेढ़ साल तक काम नहीं था। जिस शो मैं काम कर रहा था वो बंद हो गया था। प्ले का काम भी पूरा हो गया था। मेरे पास कोई काम नहीं था। उस दौरान मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इस उम्र में अब कौन सा काम करूं।
रिपोर्ट के मुताबिक तारक मेहता के लिए दिलीप एक एपिसोड का 1.50 लाख रुपए चार्ज करते हैं और महीने में करीब 25 दिन शूटिंग करते हैं। फिलहाल, लॉकडाउन की वजह से शो की शूटिंग बंद है और दिलीप फैमिली के साथ घर पर वक्त बिता रहे हैं।
पत्नी और बच्चों के साथ दिलीप जोशी।