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धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा अयोध्या,ऐसी होंगी सुविधाएं,ये हो रहा काम,अगले 5 साल तक विशेष फोकस
अयोध्या ( Uttar Pradesh) । राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही विकास की किरण दिखाई देने लगी है। पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले पांच साल तक सरकार का विशेष फोकस होगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण की सीमाओं का भी विस्तार हो रहा है, ताकि आसपास के इलाके की सूरत भी संवर सके। साथ ही बढ़िया सड़कें, एयरपोर्ट और फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। यहां एयरपोर्ट बनाने की गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी अयोध्या होकर गुजरेगा। वहीं, बनारस से अयोध्या तक भी फोर लेन बनाई जाएगी। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को भी बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।
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लखनऊ से बनारस तक बन रहा फोर लेन अंतिम चरण में है। बनारस से अयोध्या तक 192 किलोमीटर लंबे काशी-आयोध्या राजमार्ग को भी दो साल के अंदर बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। काम पूरा होने पर लखनऊ से लगभग डेढ़ तो बनारस के दो से ढाई घंटे का सफर तय कर अयोध्या पहुंचा जा सकेगा।
अयोध्या एयरपोर्ट के बनने में अभी 7-8 साल का समय लगना तय है। लेकिन, लखनऊ व बनारस में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट पहले से मौजूद हैं। यहां से अयोध्या तक पहुंचना आसान हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के बजट के साथ मंदिरों के इस शहर में कई विकास और सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट के तहत अयोध्या को एक बड़े धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने की योजना है।
अयोध्या व आसपास के इलाके को प्राधिकरण अपनी सीमा में लेकर विकसित करेगा। बड़े नामी गिरामी फाइव स्टार होटलों की आमद यहां होगी। इसके अलावा पर्यटन सुविधाओं में इजाफा होगा।
तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में घाटों, मंदिरों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करेगी। अयोध्या में हर गली, हर घर में मंदिर हैं। इन्हें भी संवारा जाएगा।
अयोध्या में भगवान राम की सबसे बड़ी मूर्ति, क्वीन हो मेमोरियल, डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, रामलीला संकुल, रामकथा गैलरी, ऑडिटोरियम समेत कई योजनाएं हैं जिन्हें संस्कृति व पर्यटन विभाग चला रहा है।
मंदिर बनने की घोषणा के साथ ही अब समग्र तौर पर यहां के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी। केंद्रीय व राज्य सेक्टर में पर्यटन योजनाओं का 70 से 80 फीसदी बजट अगले पांच सालों के लिए अयोध्या को संवारने के लिए किया जा सकता है।
वर्ष 2024 तक, जब राम मंदिर का कार्य पूरा होने की उम्मीद है, तब तक सरकार काफी कुछ योजना धरातल पर आने की उम्मीद लगाए है। अयोध्या के लिए एडवांस प्लानिंग में न केवल नया एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन शामिल है, बल्कि नजदीक राजमार्ग और स्थानीय पर्यटन स्थलों का उन्नयन भी शामिल है।
तुलसी स्मारक के आधुनिकीकरण के लिए 16 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं। बस स्टेशन के लिए 7 करोड़ रुपये और पुलिस बैरक के लिए लगभग इतनी ही राशि रखी गई है। राजश्री दशरथ मेडिकल कॉलेज को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिसके लिए 134 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मंदिर बनने की घोषणा के साथ ही अब समग्र तौर पर यहां के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी। केंद्रीय व राज्य सेक्टर में पर्यटन योजनाओं का 70 से 80 फीसदी बजट अगले पांच सालों के लिए अयोध्या को संवारने के लिए किया जा सकता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के अपग्रेडेशन का बजट 250 करोड़ रुपये है। जलापूर्ति परियोजना को भी अपग्रेड किया जाएगा, जिसका बजट 54 करोड़ रुपये है।