दादा की लाश को लगा दिया था ठिकाने, 6 माह बाद पत्नी को सुना रहा था कहानी
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पुलिस के मुताबिक सहदेव जब मात्र सात दिन का था। तभी, उसके पिता महादेव की मौत हो गई थी। इसके बाद मां शर्मा देवी इसे लेकर मायके चली गई थी। करीब बीस साल बाद सहदेव अपने दादी-दादी के पास आकर रहने लगा था। दो वर्ष पहले उसकी शादी हुई थी।
जांच में यह बात सामने आई कि सहदेव ने अपने दादा राधेश्याम से अपने नाम जमीन लिखने को कहा। लेकिन, उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। उसे शक हुआ कि दादा साढ़े तीन बीघा खेती की जमीन बेचकर उसका पैसा अपनी बेटियों को दे देंगे।
पुलिस को आरोपी ने बताया कि प्लान के तहत 6 जुलाई को उसने अपने दादा की हत्या कर दिया। इसके बाद शव को एक बक्से में बंद कर तालाब किनारे मिट्टी में दबाकर रख दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद दादा के गुमशुदगी की झूठी कहानी सुनाने लगा।
काफी खोजबीन करने का नाटक करने के बाद उसने दादा के गुमशुदगी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज करा दिया। जिसकी बातों में पुलिस और घर वालों भी आ गए। आरोपी ने पूरी कहानी ऐसे तैयार की थी कि उस पर किसी को शक भी नहीं हो रहा था।
वारदात के 6 माह बाद अचानक दादी सुनीता देवी ने थाने में अपने पोते के ही खिलाफ तहरीर देखकर शक जाहिर किया गया। आरोप था कि तीन दिन पहले आरोपी पोते को अपनी पत्नी सावित्री से हत्या के संबंध में गुपचुप बातचीत करते हुए सुन लिया था।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी पोते को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की फिर सारा राज खुल गया। इसके बाद पोते के ही निशानदेही पर तालाब किनारे मिट्टी में दबाकर रखे गए बक्से का बरामद कर लिया, जिसके मृतक का कंकाल मिला। इसके बाद फोरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड ने मौके पर पहुंचकर जांच की। फिर आरोपी को जेल भेज दिया गया।