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श्मशान हादसा: चश्मदीद ने बताई दास्तां, मिट्टी में दबे पड़े थे कटे हाथ-पैर और सिर..जो जहां खड़ा वो वहीं दब गया
गाजियाबाद ( Uttar Pradesh) । मुरादनगर के श्मशान में अंतिम संस्कार के दौरान हुए भीषण हादसे को याद कर लोग सहम जा रहे हैं। इस हादसे में 23 लोगों के मौत की बात सामने आ रही है,जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। वहीं, मरने वालों में जिस शख्स का अंतिम संस्कार हो रहा था, उसका बेटा भी सामने है। बता दें कि इस दर्दनाक हादसे को देखने वाला हर शख्स विचलित हो उठा। चश्मदीदों के मुताबिक, हादसे के बाद का मंजर बेहद भयावह था। ऐसा लग रहा था, जो वहा खड़ा था वो वहीं दब गया, क्योंकि मलबे में दबे लोगों के शरीर के अंग कट गए थे।
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हादसे की खबर मिलते ही जयराम के परिजन भी मौके पर पहुंचे। कोई मलबे में अपने भाई की तलाश कर रहा था, तो कोई अपने पिता की। महिलाएं भी रोती-बिलखती अपनों को खोज रही थीं। कौन कहां है, किसी को पता नहीं था। हर किसी की जुबां से यही निकल रहा था कि यह क्या हो गया?
आसपास के लोगों का कहना था कि बारिश के बीच तेज आवाज हुई। इसके कुछ देर बाद चीख पुकार मच गई। बाहर निकलकर देखा तो लोग श्मशान से बाहर की तरफ भाग रहे थे। यह कहना मुश्किल था कि मलबे में दबे लोग जिंदा होंगे। कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके हाथ-पैर कट चुके थे। जेसीबी से मलबा हटाकर लोगों को बाहर निकाला गया।
मुरादनगर निवासी देवेंद्र कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि श्मशान घाट पर उसके का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। उस समय बारिश हो रही थी। जिसके चलते अधिकांश लोग गेट से सटी गैलरी में खड़े थे। इसी दौरान छत ढह गई और वहां खड़े सभी लोग दब गए।
बताते हैं कि इस हादसे 23 लोगों की जान गई हैं, जिनमें देवेंद्र के चाचा की भी मौत हो गई है। एक भाई मलबे के नीचे दब गया था और पिता भी घायल हैं। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस और प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
बताया जा रहा है कि ढाई महीने पहले श्मशान घाट पर धूप, बारिश से बचाव के लिए 60 फीट लंबी गैलरी बनाई गई थी। इसे बनाते समय क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया। गैलरी के गिरते ही इसे बनाने में इस्तेमाल हुई सामग्री चूरे में तब्दील हो गई।