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यूपी के बाहुबली MLA विजय मिश्रा MP में अरेस्ट, MLC बीवी लापता, बेटी बोली- विकास दुबे जैसा हाल मत करना
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विधायक विजय मिश्रा की एमपी में गिरफ्तार करने के कुछ देर बाद ही बेटी रीमा मिश्रा मीडिया के सामने आईं। रीमा ने कहा कि मां के लिए अग्रिम जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई थी। इसी दौरान किसी ने बताया कि मेरे पिता को एमपी में गिरफ्तार कर लिया गया है।
रीमा ने कहा कि इस समय मैं बहस की स्थित में नहीं हूं। केवल उनसे पूछना चाहती हूं कि वहां मेरे पिताजी किसकी कस्टडी में हैं। अब मैं केवल यह कहना चाहती हूं कि मेरे पिताजी को सही सलामत कोर्ट तक लाया जाए। रीमा ने अपील की कि एसपी पूरी प्रक्रिया को अपने अंडर में लें। विकास दुबे जैसा फेक एनकाउंटर मत कीजिए।
रीमा ने कहा कि मेरी यूपी सरकार से भी एक ही अपील है। अगर कोई अपराध करता है तो उसके लिए अदालत है। कृपया फेक एनकाउंटर मत कीजिये। इस बार कोई गाड़ी नहीं पलटनी चाहिए।
एमएलसी रामलली मिश्रा गुरुवार को प्रयागराज के जार्जटाउन इलाके से रहस्यमय स्थिति में लापता हो गईं। एमएलसी के गनर ने इसकी सूचना मिर्जापुर पुलिस को दी। एसपी को मामले से अवगत कराने के साथ ही तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया।
विजय मिश्रा भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं। उनकी पत्नी मिर्जापुर सोनभद्र क्षेत्र से एमएलसी यानी विधानपरिषद की सदस्य हैं। पिछले दिनों विधायक के साथ ही उनकी पत्नी पर भी पट्टीदार ने मुकदमा दर्ज कराया है।
एसपी ने बताया कि विजय मिश्र, उनकी पत्नी और बेटे पर उनके एक रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया था। एक दिन पहले ही विजय मिश्रा ने अपने व अपने परिवार की जान का खतरा बताते हुए एक वीडियो जारी किया था। विधायक का आरोप है कि जिला पंचायत चुनाव को लेकर उनके खिलाफ षडयंत्र किया जा रहा है। विधायक ने कहा था कि वह ब्राह्मण हैं और उनका एनकाउंटर हो सकता है।
विधायक विजय मिश्रा द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों पर पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने कहा कि विधायक विजय मिश्रा द्वारा गलत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस उन्हें टारगेट करके कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। विधायक के एक रिश्तेदार ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
2002 में विजय मिश्रा पहली बार ज्ञानपुर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव जीते और विधानसभा पहुंचे। इसके बाद 2008 और 2012 में भी वह सपा के टिकट पर चुनाव जीते। लेकिन, 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विजय मिश्रा को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद वह निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में बीजेपी की बड़ी लहर के बावजूद विजय मिश्रा चुनाव जीतने में सफल रहे।