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हाईकोर्ट ने कहा-लिव इन रिलेशन में रहना अपराध नहीं, हस्तक्षेप का किसी को अधिकार नहीं
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कोर्ट ने कहा कि दुनिया के कई दूसरे देशों की तरह भारत में भी लिव इन को सामाजिक मान्यता नहीं है। मगर, दो लोगों के बिना शादी किए साथ रहने से कोई अपराध नहीं बनता है। भले ही इसे अनैतिक माना जाए।
(प्रतीकात्मक फोटो)
कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति से महिलाओं को संरक्षण देने के लिए घरेलू हिंसा कानून बनाया गया है। जिसका सहारा वह महिलाएं भी ले सकती हैं, जो बिना विवाह किए विवाह जैसी स्थिति में रह रही हैं।
(प्रतीकात्मक फोटो)
कोर्ट ने इंदिरा शर्मा बनाम वीकेवी शर्मा केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विस्तृत निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं को हिंसा से संरक्षण देने के लिए कानून बनाए हैं। इस दौरान याचीगण के शांति पूर्वक साथ रहने में किसी के हस्तक्षेप पर रोक लगाते हुए एसएसपी फर्रुखाबाद को निर्देश दिया है कि याचीगण के मांगने पर उनको पुलिस संरक्षण उपलब्ध कराया जाए।
(प्रतीकात्मक फोटो)
बता दें कि याची कामिनी देवी का कहना था कि परिवार के लोग उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी उम्रदराज व्यक्ति से करवाना चाहते हैं। इसके लिए उसे परेशान किया जा रहा है। इस बात की जानकारी होने पर वह छह माह पूर्व अजय के साथ लिव इन में रहने लगी।
(प्रतीकात्मक फोटो)
कामिनी देवी का कहना था कि अब परिवार के लोग परेशान कर रहे हैं। याची ने एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर संरक्षण देने की मांग की थी, मगर उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
(प्रतीकात्मक फोटो)