ऐसे मन रही ब्रज में होली, न कोरोना की चिंता न भीगने का डर, देखिए होली का शोर
| Published : Mar 10 2020, 09:36 AM IST / Updated: Mar 10 2020, 09:45 AM IST
ऐसे मन रही ब्रज में होली, न कोरोना की चिंता न भीगने का डर, देखिए होली का शोर
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भगवान ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में होली पर हर भक्त रंगों में सराबोर नजर आ रहा है। सुबह श्रृंगार आरती के बाद शुरू हुई होली में मदमस्त श्रद्धालुओं ने घंटों आनंद लिया। सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिर में होली खेलने के लिए पहुंची तो निकलने का मन नहीं कर रहा था।
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द्वारिकाधीश मंदिर में होली महोत्सव मनाया जा रहा है। इसमें ब्रज फाग द्वारकेश रसिया मंडल के संरक्षक चुन्नीलाल चतुर्वेदी आदि सदस्यों ने रसिया के साथ होली के गीतों का गायन किया। रसिकों ने होरी आई रे श्याम, मेरी सुधि लीजौ.. प्रस्तुत किया।
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भीड़ के बीच बढ़चढ़कर होली के आनंद में डूबने को बेताब श्रद्धालुओं का जोश दिनभर हिलोरें मारता नजर आ रहा है। हर ओर रंगों की बौछार और उड़ते गुलाल से आसमान भी लाल रंग का नजर आ रहा है। हर कोई रंगों में सराबोर होकर मदमस्त नजर आ रहा है।
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ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की प्रसिद्ध होली को देखने के लिए इस बार भी देशभर से आए श्रद्धालु रंगों में सराबोर होकर आनंदित हो रहे हैं। कुछ लोग तो ऐसे कि रंगों के बीच जमीन पर बैठकर सराबोर हो रहे हैं
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हर बार की तरह इस बार भी ब्रज में अनोखे तरीके से होली खेली जा रही है। यहां होली 11 मार्च तक चलेगी। इस बार रंग बनाने के लिए दिल्ली से 10 कुंतल टेसू के फूल मंगाए गए थे। जिसका रंग तैयार किया गया है।
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राधारानी मंदिर के सेवायतों ने बताया कि आजकल जो रंग बाजार में मिलते हैं वो मिलावटी होते हैं। किसी भी हुरियारे-हुरियारिन व श्रद्धालुओं को त्वचा संबंधित परेशानी हो सकती है, लेकिन टेसू के फूलों से बना ईको फ्रेंडली रंग से त्वचा को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती, साथी ही इसकी खुशबू से मन में ताजगी बनी रहती है।
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होली से दानघाटी मंदिर प्रांगण प्रेम के रंगों से सराबोर नजर आया। फागुन की मस्ती और श्याम रंग में रंगी होली का शुभारंभ प्रात: बेला में सेवायत मथुरा दास कौशिक, लाला पंडित ने गिरिराजजी का अभिषेक कर किया।
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मान्यता के अनुसार भगवान ठाकुर बांकेबिहारी जब पूरे दिन भक्तों संग रंगों से होली खेल रहे हैं, उन्हें भोग में गरम जलेबी परोसी जा रही हैं। इसके पीछे मान्यता है कि पूरे दिन गुलाल और रंग जब श्वांस के साथ गले की नलियों में पहुंचते हैं, तो गरम जलेबी के साथ वे सारा रंग नलियों से साफ हो जाता है और श्वांस लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती।
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बता दें कि यहां 3 मार्च से ही होली खेली जा रही है। यहां की अनोखी होली विश्व में प्रसिद्ध है। यहां होली 11 मार्च तक चलेगी।