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जापान से 1 करोड़ का पैकेज छोड़ कर लौटे वतन, वापस आकर बने IPS;अब कमांडो बन लड़ रहे कोरोना से जंग
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IPS आशीष तिवारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के इटारसी के रहने वाले हैं। उनके पिता कैलाश नारायण तिवारी, रेलवे इटारसी में सेक्शन इंजीनियर हैं। आशीष की 12वीं तक की पढ़ाई इटारसी के केंद्रीय विद्यालय में हुई। इसके बाद 2002 से 2007 तक उन्होंने कानपुर आईआईटी से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक और फिर एमटेक कम्प्लीट किया।
2007 में आशीष का कैंपस सिलेक्शन लंदन की कम्पनी में हो गया। वह लंदन की लेहमैन ब्रदर्स कंपनी में सिलेक्ट हुए, जहां उन्होंने डेढ़ साल काम किया। इसके बाद उन्होंने जापान के नोमुरा बैंक में डेढ़ साल जॉब की। वहां उनका सालाना पैकेज 1 करोड़ से भी अधिक था। दोनों बैंकों में एक्सपर्ट एनालिस्ट पैनल में उनका सिलेक्शन हुआ था। लेकिन उनके मन में शुरू से ही देश सेवा का जज्बा था।
2010 में आशीष अपने वतन वापस लौट आए। उन्होंने 1 करोड़ के पैकेज वाली जॉब छोड़ दी। इंडिया वापस आकर वह सिविल सर्विस की तैयारी में लग गए। 2011 में आशीष का सिलेक्शन IRS(इनकम टैक्स विभाग) में हुआ। इसमें उन्हें 330वीं रैंक मिली। इसके बाद 2012 में उनका आईपीएस में सिलेक्शन हुआ। इसमें उन्होंने 219वीं रैंक हासिल की। 2013 में उनका आईपीएस ट्रेनिंग के दौरान एक बार फिर आईपीएस में सिलेक्शन हुआ और उन्हें 247वीं रैंक मिली।
आशीष इस समय अयोध्या के SSP हैं। वह तकरीबन 1 साल से वहां तैनात हैं। अयोध्या विवाद पर आए फैसले के बाद जब पूरे विश्व की निगाह अयोध्या पर टिकी थी तब SSP आशीष तिवारी की सूझबूझ से अयोध्या में पूरी तरह से अमन शान्ति रही। जिसके बाद उन्हें बीते गणतंत्र दिवस पर डीजीपी ने पुरस्कृत भी किया था।
अब कोरोना जैसी महामारी के समय लोगों की मदद करने के लिए IPS आशीष तिवारी ने अपने जिले में एक स्पेशल टीम का गठन किया है। COVID-19 कमांडो के नाम से बनाई गई ये टीम जरूरतमंदों को एक फोन पर मदद पहुंचा रही है। इसके आलावा किसी भी सूचना पर इस टीम में शामिल पुलिसकर्मी जरूरतमंदों तक मदद के लिए पहुंच रहे हैं।
निराश्रित लोगों की मदद के लिए कोरोना कमांडो दिन रात काम कर रहे हैं । इसके आलावा होम डिलिवरी के लिए किराना बाजार और दुकानदारों के नंबरों पर संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। 800 पुलिसकर्मी, 450 पीआरवी पुलिसकर्मी और सभी 45 चौकियों पर 4 व्हीलर वाहन सहायता के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।