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कुछ ऐसे लगे पोस्टर, उद्धव ठाकरे को बताया दुशासन, कंगना रनौत को द्रौपदी और पीएम मोदी को दर्शाया कृष्ण
लखनऊ (Uttar Pradesh) । बॉलीवुड (Bollywood) एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और महाराष्ट्र (Maharashtra) की उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के बीच जारी जंग यूपी में पहुंच गई है। वाराणसी में एक वकील ने विवादित ढंग से महाराष्ट्र सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पास पोस्टर लगाकर महाभारत के द्रोपदी चीर हरण का कार्टून बनाया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल इस पोस्टर में पीएम मोदी को कृष्ण और उद्दव ठाकरे को दुशासन के तौर पर दर्शाया गया है। साथ ही कौरव दरबार भी बनाया है। वहीं, अयोध्या (Ayodhya) के संतों द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे प्रवेश न देने के ऐलान पर शिवसेना (Shivsena) के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रमुख संतोष दुबे (Santosh Dubey) ने कंगना रनौत को नचनियां बताया है। साथ ही कहा कि अच्छे संत नाचने गाने वालों का समर्थन नहीं करते।
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पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अभिनेत्री कंगना रनौत के समर्थन में पेशे से वकील श्रीपति मिश्रा ने विवादित ढंग से महाराष्ट्र सरकार पर कटाक्ष किया है।
संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के पास एक बैनर गुरुवार को लगाया, जिसमें कंगना को द्रौपदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृष्ण के रूप में उनकी रक्षा करते हुए व उद्धव ठाकरे को दुशासन के रूप में दिखाया है।
बैकग्राउंड में कौरव दरबार नजर आया। ये पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि थोड़ी देर बाद उन्होंने ये पोस्टर जहां लगाया था उसे हटा लिया। मगर सोशल मीडिया पर ये शुक्रवार को छाया हुआ था।
श्रीपति मिश्रा ने बताया पोस्टर जारी करके इस बात का संदेश दिया कि नारी का अपमान जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था। कंगना रनौत के साथ महाराष्ट्र सरकार, उद्धव ठाकरे, संजय रावत गलत कर रहे हैं।
श्रीपति मिश्रा ने कहा कि काशी में हमेशा से ही नारी का सम्मान हुआ है और कंगना के समर्थन और सम्मान में यहां से आवाज उठनी चाहिए। नरेंद्र मोदी नारी का सम्मान करते हैं इसलिए उन्हें कृष्ण के रूप में दिखाया गया है। वहीं वाराणसी में लोग महाराष्ट्र सरकार का विरोध कर रहे हैं।
शिवसेना के पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रमुख संतोष दुबे ने कंगना रनौत को नचनियां बताते हुए संतों पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कौन से संत हैं जो विरोध कर रहे हैं। विरोध करने वाले संत अपने गिरेबान में झांकें। पहले अपने आप को टटोले फिर उद्धव ठाकरे का विरोध करें। यह वही संत हैं जब उद्धव ठाकरे अयोध्या आए थे तो फोटो खिंचवाने के लिए और दक्षिणा लेने के लिए पीछे पीछे घूम रहे थे। अब विरोध की बात कर रहे हैं।
बता दें कि अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि भविष्य में यदि कभी उद्धव ठाकरे अयोध्या आए तो उनको प्रवेश नहीं दिया जाएगा। दरअसल पालघर में दो साधुओं की हत्या, सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या कांड व कंगना रनौत के घर को ढहाने के मामले में अयोध्या के संत नाराज चल रहे हैं।