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थाने में हुई शादी; घराती-बाराती बनी पुलिस, मंत्र भी पढ़े गए और दूल्हा-दुल्हन ने लिए सात फेरे
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चंदौली जिले के महुजीगांव के रहने वाले अनिल यादव की शादी गाजीपुर जिले के कालूपुर गांव के रहने वाली ज्योति से तय हुई थी। दोनों की शादी 20 अप्रैल को निश्चित थी। लेकिन, इसी बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मार्च में ही लॉकडाउन की घोषणा हो गई।
अनिल और उनके परिजनों ने सोचा कि लॉकडाउन तो 14 अप्रैल को खत्म हो जाएगा। इसके बाद 20 अप्रैल को शादी संपन्न हो जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और इसी दौरान लॉकडाउन का सेकेंड फेज भी लागू हो गया।
लॉकडाउन के सेकेंड फेज शुरू होने से दोनों परिवारों के सामने शादी को लेकर बड़ी समस्या आ गई। दोनों के परिजन साथ मिलकर धीना थाना से संपर्क किए और शादी की इजाजत मांगी। लेकिन, पहले तो लॉकडाउन के नियमों का हवाला देकर शादी को धूमधाम से संपन्न करने की इजाजत पुलिस ने नहीं दी।
दूसरे बार अनिल और ज्योति के परिजनों के साथ पुलिस की दोबारा बातचीत हुई। इस बार बातचीत में यह सहमति बनी कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए यह शादी थाना परिसर में स्थित मंदिर में ही संपन्न करा दी जाए।
पुलिस के अधिकारियों ने लॉकडाउन के नियमों और कानून को देखते हुए लड़के के घर से 3 सदस्य और लड़की पक्ष से 3 से 7 सदस्यों को शामिल करने की इजाजत दी।
पहले से ही तय तारीख पर अनिल और ज्योति के परिजन धीना थाना पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में पंडित ने अनिल और ज्योति के फेरे करवाए। शादी संपन्न होने पर वर-वधू को वहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने आशीर्वाद दिया। साथ ही उनके सफल वैवाहिक जीवन की कामना भी की।
दूल्हे ने मास्क लगाकर तो वहीं घूंघट में दुल्हन ने शादी की। इस शादी में फेरे कराने वाले पंडित जी ने भी मास्क लगाकर रस्में संपन्न कराईं।
दूल्हे अनिल ने कहा कि मेरी शादी लॉकडाउन से पहले 20 अप्रैल को निर्धारित की गई थी। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा अपने थाना प्रभारी का, जिन्होंने मेरा भरपूर साथ दिया और शादी संपन्न हुई। हमने भी पूरी तरीके से सरकार की जरूरी गाइड लाइन का पालन करते हुए शादी का कार्य संपन्न किया।