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लॉकडाउन में बच्चों को भूखा देख हुआ परेशान, बीवी से भी हो रही थी तकरार; लगा लिया मौत को गले
कानपुर(Uttar Pradesh). कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए पूरे देश में डेढ़ माह से अधिक समय से लॉक डाउन किया गया है। इस लॉकडाउन में रोज कमाने और उससे खर्च चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति खड़ी हो गई है। ऐसे में यूपी के कानपुर में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने है। काम नहीं मिलने से भुखमरी के कगार पर पहुंचे मजदूर ने आत्महत्या कर ली। घर में बच्चों को खाने के लिए कुछ भी नहीं था। बच्चे कभी पानी पीकर तो कभी बिना कुछ खाए ही सो जाते। इससे छुटकारा पाने के लिए मजदूर ने आत्महत्या कर ली।
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यूपी के कानपुर के काकादेव थाना क्षेत्र के राजापुरवा निवासी मजदूर विजय बहादुर (40) अपने बेटों शिवम, शुभम, रवि, बेटी अनुष्का और पत्नी रंभा के साथ रहता था। वह मजदूरी करता था और उसी से परिवार का पेट भरता था।
देश में मार्च के अंतिम सप्ताह से ही लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। जिसके बाद सभी कार्य लगभग ठप पड़ गए। सारी फैक्ट्रियां भी बंद करा दी गई। जिसके बाद विजय बहादुर को काम मिलना बंद हो गया। वह शहर के हर कोने में काम की तलाश में भटका लेकिन कहीं भी काम नही मिला। लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबन्ध के कारण वह बाहर भी नही जा सकता था।
(प्रतीकात्मक फोटो)
लॉकडाउन के डेढ़ महीना लंबा खींचने की वजह से विजय बहादुर की आर्थिक स्थिति खराब होती गई। विजय के परिवार को कई दिनों से भरपेट भोजन नहीं मिला था। उसके चार बच्चे भूखे रह रहे थे।
(प्रतीकात्मक फोटो)
विजय बहादुर की पत्नी रम्भा आसपास के इलाके में लोगों के घरों में घरेलू काम करती थी। लेकिन कोरोना संकट में उसे भी कई लोगों ने काम से निकाल दिया। अब उसके पास एक-दो घरों में ही काम रह गया था। वहां से जो कुछ भी थोड़ा बहुत मिलता उसी से उसका परिवार चल रहा था। लेकिन उससे 6 लोगों का परिवार नही चल पा रहा था।
(प्रतीकात्मक फोटो)
विजय ने पत्नी रम्भा के थोड़े बहुत गहने जो उसके पास थे उसे भी बेंचकर राशन की व्यवस्था करने की कोशिश की। लेकिन लॉकडाउन में ज्वेलर्स की दुकान न खुली होने के कारण वह घने भी नही बेंच सका। आर्थिक तंगी और भुखमरी में विजय का उसकी पत्नी से आए दिन विवाद होने लगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
इस बेबसी से छुटकारा पाने के लिए उसने आत्मघाती कदम उठा लिया और बुधवार शाम को विजय ने फांसी लगा ली। घर पहुंची पत्नी ने पड़ोसियों की मदद से विजय को फंदे से उतारकर हैलट में भर्ती कराया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई।
(प्रतीकात्मक फोटो)