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बच्चा पैदा करने के लिए 4 लाख देता था ये गैंग, नेपाल में करता था 8 लाख में सप्लाई, लड़कियों की थी ज्यादा डिमांड
आगरा (Uttar Pradesh) । लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से दो कार में पकड़ी गईं दो महिला सहित पांच लोग मानव तस्कर निकलें। जिनके तार नेपाल के गैंग से जुड़े हुए हैं, जो फिल्मी तरीके से काम करते थे। पुलिस पूछताछ में ये बात सामने आया इस गैंग की सरगना नेपाल की ही एक हॉस्पिटल संचालिका है। जिसे ये सभी लोग नहीं जानते हैं। यह गैंग बच्चा पैदा कराने के लिए पैसा देता है और उसे खरीदकर नेपाल बेच देता है। बड़ी बात तो इस गैंग की डिमांड लड़की पर ज्यादा होती है। इसके लिए संबंधित बच्चे को पेट में पालने वाली मां को ये तीन चरण में पैसे भी देते है, जिसके बाद ये उस महिला की कोख का सौदा कर उसे नेपाल की हॉस्पिटल संचालिका के कहने पर संबंधित स्थान पर पहुंचा देती थी, फिलहाल पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है।
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मानव तस्करी करने वाले गैंग के सदस्य फतेहाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेसवे से जाएंगे। इस पर पुलिस ने टोल के पास चेकिंग की। टाटा इंडिगो और टाटा टियागो गाड़ी को रोका गया। टाटा इंडिगो में दो लोग और एक महिला मिले। इनमें दो महिला रूबी और नीलम समेत पांच लोग थे। जिनके पास से तीन नवजात बच्चे मिले, जिसमें एक लड़का और दो लड़की थी।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी रूबी और नीलम ने बताया कि वह ऐसी महिलाओं को जाल में फंसाती हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती है। पति से अलग रहती हों। उन्हें रुपयों का लालच दिया जाता है। इसके बाद जरूरतमंद लोगों के स्पर्म उनके गर्भ में धारण करा देती थी। इसमें डॉक्टर भी शामिल रहते हैं।
गर्भ में बच्चे को पालने वाले महिला को रुबी और नीलम तीन से चार लाख रुपये देकर बच्चों को ले लेती थी। उन्हें नेपाल की सरगना को देकर सात-आठ लाख रुपये लेती थी। बरामद हुई बच्चियों का जन्म एक माह पहले हुआ था। लॉकडाउन के कारण वह इन्हें नहीं सौंप पाई थी। इनके जन्म से संबंधित कागजात फरीदाबाद के सेक्टर 19 में धर्म देवी हॉस्पिटल और गेटवेल हॉस्पिटल से बनवाए थे।
आरोपी नीलम ने बताया कि विदेश में लड़कियों की अच्छी मांग है। वह लोग इनसे अमर्यादित कार्य कराते हैं। कई दंपतियां भी लेती हैं। नेपाल में बच्चियों को अस्मिता नाम की महिला के सुपुर्द करना था। पूरे गैंग की सरगना वही है। उसका एक हॉस्पिटल है। वह रुपये देती है। पहले एडवांस में रकम दी जाती है। बच्चा मिलने पर पूरी रकम दे देते हैं।
पूछताछ में रूबी और नीलम ने बताया कि अस्मिता से संपर्क मोबाइल से ही होता है। उसके पते के बारे में किसी को नहीं पता है। रुपये कैश और खाते में लेते हैं। बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं को चार लाख रुपये मिलते थे, जबकि चार लाख रुपये गैंग के अन्य सदस्यों को दिए जाते थे।
फरीदाबाद में गैंग की स्थानीय सरगना नीलम है। एसपी आरए पूर्वी प्रमोद कुमार ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया।