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ऐसी रामलीला नहीं देखी होगी: मंच पर राम वियोग में एक्टर की मौत, देखने वाले रोने लगे..कई घर में नहीं जले चूल्हे
बिजनौर (उत्तर प्रदेश). सभी जानते हैं कि भगवान श्रीराम के वनवास जाने पर वियोग में किस तरह से उनके पिता और अयोध्या के राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए थे। यूपी के बिजनौर से ऐसी एक हृदय विदारक घटना सामने आई है जिसे जानकर हर कोई चकित हो गया। बता दें कि रामलीला का मंचन चल रहा था। जहां दशरथ का किरदार निभा रहे राजेंद्र सिंह (62) राम के वन जाने से दुखी होते हैं। देखते ही देखते वह जमीन पर गिर जाते हैं। लोगों को लग रहा था कि यह दृश्य रामलीला है। लेकिन हकीकत यह थी कि उनकी सचमुच उसी समय गरिते ही मौत हो गई। पढ़िए इस घटना के बाद कई घरों में नहीं जले चूल्हे...
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दरअसल, राजेंद्र सिंह 20 वर्षों से रामलीला में दशरथ का किरदार निभा रहे थे। उनकी एक्टिंग ऐसी थी कि हर कोई उनको सचमुच का दशरथ समझने लगता था। जब वह अभिनय के दौरान गिरे तो लोगों को यकीन ही नहीं हुआ। लोगों ने समझा कि उनका अभिनय चल रहा है। कुछ देर तक तालियां बजती रहीं। लेकिन जब काफी देर हो गई और वह उठे नहीं तो बाकी के अभिनेता पहुंचे। तब तक उनकी सांसे थम चुकी थीं।
बता दें कि बिजनौर जिले के हसनपुर गांव में हर साल सप्तमी से दशहरा तक चार दिन लगातार गांव के ही कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन होता है। जिसे आस पास के कई गांवों के लोग देखने के लिए आते हैं। लेकिन जब अभिनय करते-करते यह घटना घटी तो पूरे गांव के लोग भावुक हो गए। आलम यह था कि कईयों के घर तो खाना तक नहीं बना।
14 अक्टूबर को रामलीला का मंचन चल रहा था। जिसमें राम के वनवास के जाने के बाद पर्दा गिर गया। दशरत का अभिनय कर रहे राजेंद्र को उठकर जाना था। पर्दा उठा तो राजेंद्र वहीं जमीन पर अचेत अवस्था में पड़े थ। जैसे लोगों को यह पता चला तो उनकी आंखों से आंसू छलकने लगे।
लोगों का कहना था कि हमने आज तक ऐसा सच्चा कलाकर अभी तक नहीं देखा। जो अभिनय करते-करते इस दुनिया से से विदा हो गया। ऐसे लोग देव तुल्य होते हैं। उनका अभिनय इतना सजीव था कि लोग भाव विभोर हो जाते थे।
रामलीला में मजे हुए कलाकार मृतक राजेंद्र सिंह तीन बेटे और दो बेटियां हैं। उनका छोटा बेटा बीएसएफ में है, जिसके पहुंचने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।