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एक-एक बूंद पानी को तरसते थे मासूम, दर्द जान Sonu Sood की भर आईं आंखें..दरियादिली दिखा लगवा दिए हैंडपंप
झांसी (उत्तर प्रदेश). लॉकडाउन के समय से ही बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद गरीबों के लिए मसीहा बने हुए हैं। उन्होंने साबित कर दिखाया है कि वह एक परफेक्ट अभिनेता के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। उनकी इंसानियत के चर्चे आए दिन मीडिया में आते रहते हैं। ऐसी एक दरियादिली वाला काम सोनू सूद ने फिर किया है, जिसकी वजह से लोग उनको सलाम कर रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की एक झुग्गी बस्ती में 2 हैंडपंप लगवाए हैं। यहां आलम यह था कि मासूम बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक पानी की एक-एक बूंद को तरसते थे।

दरअसल, झांसी जिले के मलिन बस्ती के गरीब और मजदूर लोग लंबे समय से पीने के पानी के लिए तरस रहे थे। इन लोगों को लिए दो वक्त की रोटी तो किसी तरह दिहाड़ी करके मिल जाती थीं, लेकिन पीने के पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन जब इनकी पीड़ा के बारे में एक्टर सोनू सूद को पता चला तो उन्होंने उसे समझा और समाधान को धरातल पर उतार दिया।
प्रशासन के ऐलान के बावजूद ही यहां के लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। एक बॉल्टी पानी लेने के लिए उनको दूर दराज तक जाना पड़ता था। इस बस्ती के पास में एक फैक्ट्री है अगर चौकीदार उसके गेट खोल देता तो बेचारे गरीब लोग वहां से पानी भर लाते थे।
बताया जाता है कि इस बस्ती के लोगों की पीड़ा को सोनू सूद ने पिछले कई सालों से न्यूज चैनलों की माघ्यम से सुना करते थे। लेकिन उसक समाधान आज तक नहीं हुआ था। अब समस्या खत्म कर ट्वीट करते हुए लिखा कि पानी की समस्या अब आप की खत्म कर दी है। आपके गांव मैंने हैंडपंप लगवा दिए हैं, कभी आया तो पानी जरूर पिला देना।
बता दें कि इस इलाके में गरीब लोगों और उनके बच्चे के लिए 'उम्मीद रोशनी नाम' का एक एनजीओ काम कर रहा है। इस NGO के एक सदस्य जितेंद्र यादव चलाते हैं जो कि एक पुलिस कांस्टेबल हैं। जब भी उनको अपनी ड्यूटी से समय मिलता हो तो वह सोशल वर्क में जुट जाते हैं। बता दें कि उनके ही प्रयास से इन लोगों की पानी की पीड़ा सोनू सूद तक पहुंची थी। जितेंद्र यादव ने ही ट्वीट कर सोनू सूद को इस इलाके में पानी की दिक्कत के बारे में बताया था।
NGO के एक सदस्य जितेंद्र यादव ने ट्वीट कर इन मासूमों के दर्द के बारे में लिखा है। उन्होंने लिखा कि जिन हाथों में क़लम होनी चाहिए उनसे फैक्ट्री के कचड़े के लोहा बीना जा रहा है, जिससे राशन आ पाए। पिछले कई सालों से बिन पानी बिन बिजली के, अंधेरे में जीने को मजबूर इस बस्ती के नन्हे मासूम,सबसे अनुरोध कर लिया अब @SonuSood सर आप ही आस है।