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6 साल पहले 239 यात्रियों सहित रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था MH370 प्लेन, अब यहां मिला विमान का मलबा
हटके डेस्क: MH370 प्लेन की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा होगी। मार्च 2016 को ये प्लेन अचानक हवा से ही गायब हो गया था। प्लेन में 239 लोग सवार थे। इस प्लेन का संपर्क अचानक ही टूट गया और फिर किसी को पता नहीं चला कि ये प्लेन कहां चला गया। मलेशियन एयरलाइन्स का ये विमान बीते 6 साल से रहस्य का विषय बना हुआ है। ना इसके इंजन में खराबी आई थी ना ही पायलट ने किसी तरह की मदद मांगी थी। अचानक ही ये प्लेन गायब हो गया। लेकिन अब जाकर लोगों को उम्मीद लगी है कि प्लेन का रहस्य सुलझेगा। दरअसल, हाल ही में एक शख्स को ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में समुद्र के किनारे एक विमान का मलबा मिला है। इसकी तस्वीरें जैसे ही सामने आई लोगों को उम्मीद बंध गई है कि ये गायब हुए प्लेन MH370 का मलबा है।
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प्लेन का ये मलबा ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में बीच पर मिली। इसे वहीं रहने वाले मिक एलकोटे ने सबसे पहले देखा था। पहले उसे लगा कि ये किसी समुद्री जहाज का मलबा है लेकिन बाद में उसे इसके विंग्स नजर आए।
शख्स को नहीं पता कि ये मलबा वहां कैसे आया। लेकिन जैसे ही इसकी तस्वीरें सामने आई, लोग इसे गायब हुए मलेशियाई एयरलाइन्स MH370 प्लेन का टूटा हिस्सा बताने लगे।
हालांकि कई एक्सपर्ट्स ने इसकी संभावना से इंकार किया है। कुछ ने बताया कि मिले हुए मलबे का रंग और गायब विमान के रंग में काफी अंतर है।
एलकोटे ने इस मलबे की तस्वीर अपने फेसबुक पर शेयर की, जहां कई लोगों ने इसे मलेशियाई विमान का ही बताया। इसके मिलने से अब लोगों में एक उम्मीद जगी है।
आपको बता दें कि मलेशियाई विमान MH370 का गायब होना अब तक के विमान हादसों में सबसे अजीबोगरीब रहा। ये विमान अपनेआप हवा से ही गायब हो गया।
ये विमान मलेशिया के कुआलांलपुर से बीजिंग जा रही थी। इसमें 239 यात्री सवार थे। रात को अचानक ही इस प्लेन का संपर्क जमीन से टूट गया और उसके बाद इसकी कोई जानकारी नहीं मिली।
6 साल के दौरान सिर्फ इस प्लेन के गायब होने की वजहों की थियोरीज सामने आई। किसी का कहना था कि प्लेन हाईजैक हो गया तो किसी ने बताया कि इसे मार गिराया गया। कुछ लोगों का कहना है कि प्लेन में उड़ान भरने के दौरान ही क्रैक था। हवा में प्लेन टूट गया और छोटे-छोटे मलबों में बिखर गया। इस कारण इसका पता नहीं चल पाया।
इस प्लेन को ढूंढने के अभियान में कई देशों ने हिस्सा लिया। कई करोड़ डॉलर्स खर्च किये गए। लेकिन प्लेन नहीं मिला। ऑस्ट्रेलिया ने भी इसमें मदद की थी। अब इसी देश से इसके मलबे के मिलने की उम्मीद जगी है।