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रोटी के एक टुकड़े के लिए जिस्म बेचने को तैयार हैं 12 साल की बच्चियां, 22 रुपए में करती हैं सौदा पक्का
अंगोला: दक्षिण अफ्रीका में ऐसे कई इलाके हैं, जो गरीबी की मार झेल रहे हैं। इन इलाकों में लोगों के पास पैसे नहीं है। ना ही रोजगार का कोई जरिया है। ऐसे में पैसों के लिए यहां लोग कोई भी काम करने को मजबूर हैं। खाने का संकट ऐसा है कि यहां खेलने-कूदने की उम्र में बच्चियां जिस्म व्यापार में शामिल हो जाती हैं। इन बच्चियों को इसके बदले मात्र 20 से लेकर 80 रुपये तक मिलते हैं।
| Published : Feb 03 2020, 02:57 PM IST
रोटी के एक टुकड़े के लिए जिस्म बेचने को तैयार हैं 12 साल की बच्चियां, 22 रुपए में करती हैं सौदा पक्का
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इस बात की पुष्टि लोगों की मदद करने वाले इंटरनेशनल बॉडी वर्ल्ड विजन ने की है। इस संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां चंद सिक्कों के लिए बच्चियां देह व्यापार में शामिल हो जाती हैं।
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यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ अफ्रीका में फिलहाल साढ़े चार करोड़ लोग भूख की समस्या से परेशान हैं।
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देश में ये हालात कई कारणों से है। यहां एक साथ कई प्राकृतिक आपदाएं आ गई। सूखा, बाढ़ और देश की गिरती अर्थव्यवस्था के कारण देश में रोजगार नहीं है। लोगों के पास पैसे नहीं है कि वो कुछ खरीद पाए।
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वर्ड विजन के मुताबिक, यहां बेटे कुछ समय से देह व्यापार में शामिल लड़कियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
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संस्था के इमरजेंसी डायरेक्टर रोबर्ट बुल्टन के मुताबिक, यहां इन लड़कियों की अगर किस्मत अच्छी रही तो 80 रुपए तक मिल जाते हैं। वरना उन्हें 30 से 40 रुपए भी मुश्किल से ही मिलते हैं।
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दक्षिण अफ्रीका में भी खासकर अंगोला में महंगाई की मार सबसे ज्यादा लोगों को रुला रही है। यहां अनाज के दाम आसमान छू रहे हैं। अगली फसल यानी जून तक ये हालात नहीं सुधरेंगे।
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वहीं जिम्बाब्वे में भी हालात कुछ ऐसे ही है। यहां भी 14 साल तक की बच्चियां देह व्यापार में लिप्त हैं। इन्हें तो इसके बदले 22 रुपए ही मिलते हैं।
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वहीं मलावी और मोजाम्बिक में लड़कियों से उनके घरवाले देह व्यापार करवाते हैं।
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बता दें कि 1981 के बाद अब तक इस देश में सबसे कम बारिश हुई है। साथ ही मौसम के बदलाव के कारण यहां अनाज पैदावार में भारी कमी दर्ज की गई है। ऐसे में गरीबी और भुखमरी दोनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है।