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बेटी का पुलिस में भर्ती होना अब्बूजान को नहीं आया पसंद, दोनों आंखों में गोली मार छीन ली नौकरी

हटके डेस्क: बेटी के सबसे करीबी दोस्तों में शामिल होता है पिता। कहते हैं कि एक लड़की का सबसे अच्छा दोस्त उसका पिता ही होता है। अपनी बेटी को आगे बढ़ता देख हर पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। लेकिन अफगानिस्तान में रहने वाली खतेरा के लिए उसके पिता ही उसके सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे। इसलिए नहीं कि खतेरा को किसी से प्यार था। दरअसल, खतेरा को पुलिस की नौकरी मिल गई थी। उसने नौकरी ज्वाइन भी कर ली। लेकिन उसके पिता नहीं चाहते थे कि उनके घर की बेटियां नौकरी करे। इसलिए उन्होंने वो काम किया, जिसकी कभी खतेरा ने उम्मीद भी नहीं की थी। आज अपने पिता की वजह से खतेरा अंधी हो चुकी है और उसकी नौकरी जा चुकी है। आइये आपको बताते हैं कैसे एक पिता ने अपनी जिद में बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी... 

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Asianet News Hindi
Published : Nov 11 2020, 02:28 PM IST
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अफगानिस्तान में रहने वाली एक महिला को उसके आंखों में गोली मार दी गई। ये अटैक  ही महीने पहले उसकी पुलिस में नौकरी लगी थी।  पुलिस ने इस अपराध के लिए महिला के पिता को दोषी ठहराया।  

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खतेरा नाम की इस महिला ने तीन महीने पहले ही ग़ज़नी प्रांत में बतौर पुलिस ऑफिसर पदभार ग्रहण किया था। इसके चंद महीने बाद ही महिला पर अटैक हुआ, जिसमें उसकी आंखों की रोशनी चली गई।  
 

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33 साल की खतेरा ने घटना को याद करते हुए बताया कि जैसे ही उसने पुलिस चौकी से ड्यूटी खत्म कर बाहर खडं रखा था, तीन लोगों ने उसपर अटैक किया। उन्होंने उसपर गोली चलाई और उसकी आंखें फोड़ दी।  
 

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लोकल लोगों का कहना है कि ये हमला तालिबान ने किया था ताकि लड़कियों को नौकरी करने के लिए सबक दे सके। लेकिन तालिबान ने इससे इंकार कर दिया। उन्होंने इसके लिए उसके पिता को दोषी बताया। 
 

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खतेरा के लिए इस हमले में ना सिर्फ उसकी आंखें लूट ली गई बल्कि उसके सारे सपने भी लूट।  में नौकरी के लिए उसने घर और समाज से बगावत कर ली थी। लेकिन अब रौशनी जाने के कारण उसकी नौकरी भी चली गई।  
 

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अपना दर्द बताते हुए खतेरा रो पड़ी। उन्होंने बताया कि वो करीब एक साल तक पुलिस की नौकरी कर देश की सेवा करना चाहती थी। लेकिन अब उसके सपने टूट गए हैं। जब भी उसे बाइक की आवाज सुनाई देती है वो कांप जाती है।  

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तालिबान ने इस मामले पर कहा कि ये हमला परिवार के सदस्य ने ही करवाया है। उन्हें इसका पहले से ही पता था। अभी खतेरा अपने परिवार के साथ काबुल में रह रही है जहां वो अपने करियर को गंवाने का शोक मना रही है।  

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