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अब घने जंगल तक पहुंचा कोरोना, दुनिया की नजरों से दूर आदिवासियों के कबीले में हुई इससे पहली मौत
अब कोरोना का खतरा दुनिया के उन घने जंगलों में पहुंच गया है, जहां आदिवासी कबीले रहते हैं। ब्राजील के अमेजन के जंगलों में रहने वाले यानोमामी ट्राइब के एक 15 साल के लड़के की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो जाने की खबर सामने आई है। इस लड़के में करीब एक सप्ताह पहले कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण सामने आए थे। इसके बाद उसे बोआ बिस्ता के रोराइमा जनरल हॉस्पिटल के इन्टेंसिव केयर यूनिट में भर्ती किया गया, लेकिन गुरुवार की रात उसने दम तोड़ दिया। ब्राजील के हेल्थ मिनिस्टर लुइज हेनरिक मानदेत्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित इस आदिवासी लड़के को 3 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुरुआती जांच में इसमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया था, लेकिन दूसरी बार जांच किए जाने के बाद इसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया और उसका इलाज शुरू हुआ। इस लड़के की मौत के बाद यानोमामी ट्राइब के लोगों में खौफ छा गया है। बता दें कि यानोमामी ब्राजील का सबसे पुराना आदिवासी कबीला है। इस कबीले के करीब 38 हजार लोग ब्राजील और वेनेजुएला के बॉर्डर पर रहते हैं। ब्राजील के सोशियो एन्वायरन्मेंटल इंस्टीट्यूट का कहना है कि अमेजन के इस सबसे पुराने कबीले के गांवों में हाल के दिनों में बाहरी लोगों का आना-जाना बढ़ गया था। इंस्टीट्यूट की तरफ से साफ कहा गया है कि इस कबीले के गांवों में अवैध खनन करने के लिए हाल के दिनों में करीब 20 हजार बाहरी लोग गए, जिससे इनमें कोरोना का संक्रमण हुआ है। बच्चे की मौत के बाद इस कबीले में कोरोना के संक्रमण को लेकर डर काफी बढ़ गया है। यानोमामी ट्राइब के लोग 200 गांवों में फैले हैं। इस ट्राइब के लोगों ने अमेजन के जंगलों को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया है। अब वहां कोरोना की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम जा रही है। ऐसी आशंका है कि कोरोना का संक्रमण वहां बढ़ सकता है। ब्राजील में अब तक कोरोना संक्रमण के 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 957 लोगों की मौत हो चुकी है। देखें इससे जुड़ी तस्वीरें।
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अमेजन के जंगलों के बीच बसे गांवों में रहने वाले ब्राजील के सबसे पुराने कबीले के 15 साल के बच्चे की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद वहां के लोगों में काफी डर पैदा हो गया है।
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यानोमामी ट्राइब की एक छोटी बच्ची जंगलों के बीच बसे अपने गांव के एक सामुदायिक स्थल पर खेलती हुई। छोटे बच्चों को कोरोना का संक्रमण जल्दी हो सकता है।
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कोरोना से संक्रमित होने के बाद 15 साल के इस लड़के की मौत हो गई। यह लड़का एक सप्ताह तक अस्पताल में भर्ती रहा, लेकिन डॉक्टरों की काफी कोशिश के बावजूद इसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
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अमेजन के यानोमामी ट्राइब को लोग। इनमें बच्चे की कोरोना से मौत होने के बाद चिंता बढ़ गई है।
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कबीले में कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद डॉक्टरों की टीम वहां पहुंच गई है।
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यानोमामी ट्राइब की महिलाएं पारंपरिक सज-धज में अपने बच्चों के साथ। कोरोना से बच्चों को सुरक्षित रखना अब इनके लिए सबसे जरूरी हो गया है।
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यानोमामी ट्राइब के बच्चे झोपड़ी के सामने बैठे हुए। अब इन्हें क्वारंटाइन किए जाने की बात कही जा रही है।
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यानोमामी ट्राइब की एक महिला अपने छोटे बच्चे के साथ। चिंता की रेखाएं इसके चेहरे पर साफ देखी जा सकती है।
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एक हेल्थ वर्कर आदिवासी कबीले के एक युवक की जांच कर रहा है। डर है कि कहीं कोरोना का संक्रमण आदिवासियों में ज्यादा नहीं फैल गया हो।
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अपनी ट्रेडिशनल ड्रेस में यानोमामी ट्राइब के लोग। लड़के की कोरोना से मौत होने के बाद अब सबों की जांच की जाएगी।
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कोरोना वायरस की जांच के लिए डॉक्टरों की टीम आदिवासी गांवों में पहुंच गई है। उन्हें देखने के लिए कबीले के लोग जुट जाते हैं। कुछ डॉक्टर उनके बीच शामिल दिखाई पड़ रहे हैं।
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