दावा: कोरोना है दुनिया के खात्मे की शुरुआत, जल्द ही होने वाला है विनाश
हटके डेस्क: कोरोना वायरस दुनिया के खात्मे की शुरुआत है, यह दावा किया है यूके के एक साइकिक ऑजुला ने। ऑजुला ने यूके के एक मीडिया हाउस डेली मिरर को बताया कि उन्हें इस बात पर पक्का भरोसा है कि कोरोना वायरस दुनिया के खात्मे का पहला चरण है। इसके बाद बड़ी संख्या में कोरोना जैसी प्राकृतिक आपदाएं आएंगी जिससे दुनिया को भयंकर खतरा है। ऑजुला ने कहा कि उन्हें काफी पहले ही इस वायरस का सपना आया था।
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साइकिक ऑजुला बताते हैं कि उन्हें कोरोना वायरस की महामारी का अनुभव 2018 में हुआ था। उन्होंने दावा किया कि कोरोना जिससे पूरी दुनिया में 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है यह दुनिया के खत्म होने का पहली स्टेज है। हालांकि उन्होंने कहा कि यह दुनिया इतनी जल्दी भी खत्म नहीं होगी, इसमें काफी समय लगेगा।
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ऑजुला ने कहा कि दुनिया के खात्मे के लिए अभी पीढ़ियां लग जाएंगी। उन्होंने कहा कि मुझे याद है मुझे 2018 में यह विचार आया था कि एक वायरस फैलेगा जिसका असर पूरी दुनिया पर होगा।
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यह वायरस किसी जानवर से फैलेगा और उसी समय मेरे दिमाग में स्पष्ट शब्द इन्फ्लुएंजा आया था। यह शब्द और विचार मेरे दिमाग में ऐसे बने हुए हैं जैसे कि रोजमर्रा की चीजें। कुछ महीने बाद मार्च में मुझ एक बार फिर इस बात का सपना आया था। इसके बाद जैसे ही 2019 में यह चीन में सामने आया तो मेरे दिमाग में पुराने विचार बिल्कुल ताजा हो गए।
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ऑजुला ने बताया कि कभी-कभी हमारे दिमाग में कुछ समय के लिए कोई चीज आती है जिसे हम भूल जाते हैं और अपनी डेली लाइफ में आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन जब यह हमारे आसपास घटित होती हैं तो हमें समझ आता है कि यह लोगों पर कैसे असर डालती है।
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उन्होंने दावा किया कि शुरुआत में जब यह चीन में फैल रहा था तभी मुझे पता था कि यह पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बनने वाला है। ऑजुला का मानना है कि हालात अभी और भी खराब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर सावधानी बरतनी चहिए।
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आपको बता दें कि साइकिक एक ऐसा व्यक्ति होता है जो दावा करता है कि वह अपनी एक्स्ट्रा सेंसिटिविटी और टेलीपैथी से सामान्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा चीजें समझ सकते हैं।
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यह लोग दावा करते हैं कि वह अपनी एक्स्ट्रा सेंसिटिविटी से उन चीजों का अध्यन कर सकते हैं जिनका सामान्य लोग अंदाजा भी नहीं लगा सकते। यह लोग टेलीपैथी और क्लेयरवोयेन्स प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं।
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टेलीपेथी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति के हावभाव या फिर पहनावे और बातचीत के तरीके से उसे पढ़ने की कोशिश करते हैं।
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वहीं क्लेयरवोयेन्स की प्रक्रिया में आस पास की चीजों, जगह, और कई तरह की चीजों को समझा जाता है
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