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बेरुत धमाके के 1 महीने बाद मलबे से सुनाई दी दिल की धड़कन, मलबों के नीचे सांस लेती जिंदगी ने लोगों को किया हैरान
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बेरूत रेस्क्यू वर्कर्स को धमाके के एक महीने बाद मलबे से दिल की धड़कन सुनाई दी। इस खबर के बाद नीचे एक जिंदगी के अब भी बचे होने की उम्मीद तेज हो गई है। इसके बाद से मलबा हटाने का काम तेज कर दिया गया है।
3 अगस्त को सर्च ऑपरेशन जब मलबा हटा रहा था, तब स्निफर डॉग्स को वहां दिल की धड़कन सुनाई दी। कुत्तों की भौंकने की आवाज सुनकर टीम वहां पहुंची। इसके बाद उन्होंने वहां ऑडियो इक्विपमेंट लगाया और उन्हें आवाज सुनाई दी।
लोगों को दिल की धड़कन सुनाई जी, जो 18 से 19 बीट पर मिनट थी। इससे पहले भी उन्हीं कुछ दिन धड़कन सुनाई दी थी। ऐसे में अगर जिंदगी मलबे के नीचे है तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
ये इमारत बेरूत के गेमाजे में था। विस्फोट के बाद पूरी इमारत ढह गई। लोग इस इमारत का मलबा साफ़ कर रहे थे। जहां उन्हें जिंदगी की एक किरण महीने भर बाद नजर आई।
बेरुत के इसी पोर्ट पर हुआ था जहाज में ब्लास्ट। देख सकते हैं कि कैसे इस धमाके के बाद चारों तरफ सिर्फ खंडहर नजर आ रहे हैं।
एक महीने पहले हुआ ये ब्लास्ट इतना भीषण था कि मिलों दूर तक लोगों को यूं लगा, मानों भूकंप आ गया हो। बादल गरज पड़े हों। साथ ही कई मील दूर खड़े इमारत भी भरभरा कर गिर गए।
इस ब्लास्ट से पोर्ट पर रखा 15 टन अनाज भी बर्बाद हो गया। ऐसे में लोगों के पास अब खाने-पीने की दिक्कत भी होने लगी है। लोग अभी भी इस हादसे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।
बेरुत सरकार ने बताया कि जहाज में भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट भरा था। लेकिन इतना सारा विस्फोटक कहां से आया..इसका अभी तक किसी के पास कोई सवाल नहीं है। अमोनियम नाइट्रेट की मात्रा करीब एक टन बताई गई।
इस हादसे में शहर की कई गाड़ियां भी खराब हो गई। कई चीजें तबाह हो गई। लोग अभी भी इससे उबरने की कोशिश कर रहे हैं। लोग अभी भी मलबे समेट रहे हैं। ऐसे में महीने भर बाद एक जिंदगी के मलबे में जिन्दा होने की खबर ने सबको हैरान कर दिया है।