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चीन में कोरोना के बहाने मुस्लिमों को किया जा रहा टॉर्चर, महिलाओं को अकेले ले जा करते छेड़छाड़ फिर खिलाते दवाइयां
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चीन के नॉर्थ-वेस्टर्न शिनजियांग में रहने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर यहां लगाए कड़े लॉकडाउन के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने बताया कि कोविड 19 के दूसरे लहर के फैलने के बाद जुलाई से उन्हें काफी कड़े लॉकडाउन में रहना पड़ रहा है।
जुलाई महीने के बीच में यहां अचानक कोरोना केस के मामले बढ़ गए। अचनाक ही यहां कोरोना के 902 मामले सामने आए। इसके बाद चीनी सरकार ने यहां कंप्लीट लॉकडाउन लगा दिया।
लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया गया। बता दें कि इस प्रान्त में ज्यादातर उइगर मुसलमान रहते हैं। उनका कहना है कि जरुरी काम से भी उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाता। साथ ही टीम घरों में आकर जबरदस्ती उन्हें दवाइयां खिला रहे हैं।
इन लोगों का कहना है कि टीम जबरदस्ती घरों में आकर उन्हें दवा खिला रही है। साथ ही कई लोगों का कहना है कि इस दौरान महिलाओं के साथ छेड़छाड़ भी की जा रही है। बता दें कि चीन में ही सबसे पहले कोरोना का मामले सामने आया था। लॉकडाउन यही सबसे पहले लगाया गया था।
बात अगर शिनजियांग प्रांत की करें, तो यहां कोरोना का मामला सबसे पहले 16 जुलाई को आया था। इसके बाद यहां लॉकडाउन लगा दिया गया। इसके बाद यहां ट्रेवल रेस्ट्रिक्शन लगा दिया गया लेकिन फिर भी ये फ़ैल गया।
इस प्रांत में कुल 35 लाख लोग रहते हैं। इसमें 24 साल की एक रिटेल वर्कर सबसे पहली संक्रमित महिला थी। लेकिन जब मामले बढे तो यहां लॉकडाउन सख्त कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर जब इसे लेकर कमेंट किया गया, तो लोगों का ध्यान गया। साथ ही चीन ने इसपर कई तरह के कमेंट्स भी हटा दिए गए। कई लोगों ने सख्त लॉकडाउन की तस्वीरें भी शेयर की।
बता दें कि चीन में उइगर मुसलमानों की हालत काफी दयनीय है। वहां महिलाओं के ऊपर चीनी सैनिक काफी अत्याचार करते हैं। इसकी कई खबरें सामने आती हैं। लेकिन लॉकडाउन में इनपर अत्याचार की हद पार हो रही है।