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अब बांझ नहीं रहेगी कोई भी महिला, साइंटिस्ट्स ने खरगोश के पेट में नकली गर्भ डाल पैदा कर दिखाए बच्चे
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जो महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं, उनके लिए ये एक नई उम्मीद बन गई है, क्योंकि वैज्ञानिकों ने खरगोशों में कृत्रिम गर्भ बनाने और उसमें बच्चे पैदा करने में सफलता पाई है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने दिखाया कि आर्टिफिशियल गर्भ से नॉर्मल डिलीवरी की तरह बच्चों का जन्म करवाया जा सकता है।
अगर इस तरीके को इंसानों पर अपनाया गया तो अब कोई भी महिला बांझ नहीं रहेगी। वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रीजेनरेटिव मेडिसिन के पेपर लेखक और यूरोलॉजिस्ट एंथोनी अटाला ने कहा, "अध्ययन से पता चलता है कि इस आर्टिफिशियल गर्भाशय से इंसान भी सामान्य गर्भधारण कर सकता है।
अध्ययन में डॉ अटाला और सहकर्मियों ने खरगोशों पर इसका इस्तेमाल किया। खरगोश के पेट में आर्टिफिशियल गर्भाशय डाला गया। इसके बाद इन खरगोशों ने संबंध बनाएं और इस नकली गर्भाशय में ही बच्चों का भ्रूण बना।
टीम ने अब इस सफलता से प्रेरित होकर इसे इंसानों पर अपनाने का फैसला किया है। हालांकि, गर्भाशय एक बहुत अधिक जटिल अंग है। इस कारण इस अध्ययन को इंसानों पर करने से पहले काफी सावधानी बरतने की जरुरत है।
इस अध्यन में टीम ने 14 खरगोशों में नकली गर्भाशय प्रत्यारोपित किया था। शोधकर्ताओं ने प्रदर्शित किया कि कृत्रिम गर्भाशय में सामान्य प्रजनन किया जा सकता है। वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रीजेनरेटिव मेडिसिन के पेपर लेखक रेनाटा मैगलस ने कहा, 'सेल-सीडेड कंस्ट्रक्शन वाले खरगोशों में गर्भाशय के पुनर्निर्मित खंडों में सामान्य गर्भधारण था।'
खरगोशों को परीक्षणों के लिए चुना गया था। अक्सर प्रजनन जीवविज्ञान अनुसंधान में इनका प्रयोग करते हैं। ऐसा इसलिए कि इनकी संरचना और महिला के गर्भाशय की संरचना काफी हद तक एक जैसी है। उनके पास एक अपेक्षाकृत बड़ा गर्भाशय होता है।
साइंटिस्ट्स के मुताबिक़, "यह भविष्य के मानव अनुप्रयोग के लिए महान क्षमता के साथ एक अत्यधिक महत्वपूर्ण खोज है। वैसी महिलाओं के लिए जो गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त गर्भाशय के कारण या हिस्टेरेक्टॉमी के कारण बांझपन का शिकार होती हैं,उनके लिए तो ये वरदान ही है।