TERROR IS BACK: अफगानिस्तान में फिर दिखने लगा 90 के दशक का 'तालिबानी खौफ'
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यह ब्लैक एंड व्हाइट अफगानिस्तान में 90 के दशक की है। इसे खींचा था फोटोग्राफर पीटर टर्नले(Peter Turnley) ने। इसमें देखा जा सकता है कि तालिबान के पिछले शासन में बच्चों तक को बंदूकें उठानी पड़ गई थीं।
फोटोग्राफर पीटर टर्नले(Peter Turnley) द्वारा खींची गई यह तस्वीर अफगानिस्तान में 90 के खौफनाक दशक की बानगी है। तालिबान किस तरह से लोगों को डरा-धमकाकर रखता था।
अफगानिस्तान में 90 के दशक में तालिबान सरकार शरिया कानून का पालन कराने लोगों को क्रूरता से सजा देती थी। वहीं, जो उनके खिलाफ बोलता था, उसे बेदर्दी से मौत के घाट उतार दिया जा था।
फोटो क्रेडिट- पीटर टर्नले(Peter Turnley)
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की मौजूदगी तक हालात सामान्य थे। लोगों को आजादी थी, लेकिन 90 के दशक में लोगों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा। अब फिर से वैसा ही होने लगा है।
फोटो क्रेडिट- पीटर टर्नले(Peter Turnley)
यह तस्वीर पंजशीर_प्रांत(PanjshirProvin1) के twitter पेज पर शेयर की गई हैं। इसमें तालिबान की वापसी के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई आदि को लेकर चिंता जताई गई है।
पंजशीर_प्रांत(PanjshirProvin1) के twitter पेज पर शेयर इस तस्वीर पर कैप्शन लिखा गया-आशाहीन और असहाय! हमारी नई पीढ़ी को स्कूल जाने के बजाय काम करना पड़ रहा है। तालिबान शासन में पढ़े-लिखे लोगों के पास कोई उम्मीद नहीं है।
यह तस्वीर पंजशीर_प्रांत(PanjshirProvin1) के twitter पेज पर शेयर की गई हैं। इसमें कहा गया कि नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) ने पंजशिर में दो स्थानों पर तालिबान पर हमला किया और उन्हें पूरी तरह से पकड़ लिया। कई तालिबान आतंकवादी या तो मारे गए या घायल हुए।
twitter पर शेयर यह तस्वीर में बताया गया है कि खोस्त, लोगर और पंजशीर प्रांत में तालिबान अधिकारियों ने बड़ी संख्या में विदेशी करेंसी जब्त की। इसे अफगानिस्तान बैंक को सौंप दिया गया है। बैंक के मुताबिक, नकदी की राशि करीब 14 लाख डॉलर और 79 लाख से ज्यादा अफगानी है। बता दें कि अफगानिस्तान इस समय नगदी के संकट से जूझ रहा है।