कोरोना: अब इन चूहों से डरा चीन, कर रहा बैम्बू रेट्स का कत्ल; खाने पर भी लगाई रोक
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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में अब कोरोना फैलने में बैम्बू रेट्स को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसलिए चीन में ये कदम उठाए गए हैं। यहां हुबेई में 1.6 टन चूहों को दफनाकर खत्म किया गया है। इसका वीडियो भी सामने आया है।
बैम्बू रेट्स चूहों की प्रजाति है। लेकिन आकार और वजन में ये सामान्य चूहों से बड़े होते हैं। चीन में लोगों का मानना है कि इन्हें खाने से ताकत बढ़ती है। वहीं, चीनी इन चूहों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर चिकित्सा में भी करते हैं।
किसानों से ले कर की जा रही हत्या
चीन में कोरोना वायरस का केंद्र हुबेई प्रांत था। यहां के वुहान में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। अब हुबेई के शियानन शहर में 900 चूहों को दफनाया गया थ। ये चूहे एक किसान के थे। उससे इन्हें लेकर इनकी हत्या कर दी गई।
चूहों के अलावा 7 सेही को मारा गया। इनका वजन 140 किलो बताया जा रहा है। चूहों को मारने से हले लाइम पाउडर डाला गया ताकि इनसे संक्रमण ना फैले।
चीनी बैम्बू रेट्स बांस के तने में रहते हैं, इसलिए इन्हें ये नाम दिया गया। इन्हें चीन में झुसू के नाम से जाना जाता है। ये सामान्य चूहों से लंबे और वजनी होते हैं। इनकी वजन 5 किलो तक होता है। इनकी लंबाई 17 इंच तक होती है।
इन चूहों का इस्तेमाल चीन में परंपरागत चिकित्सा में भी होता है। चीनियों का मानना है कि इन चूहों के मीट से शरीर के जहरीले तत्व निकल जाते हैं। इससे खाने से पेट और तिल्ली की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
मांग के चलते इन चूहों से अच्छी कमाई होती है। इसलिए यहां के किसान बड़े स्तर पर इनका पालन करते हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में। एक जिंदा चूहा 10 हजार रुपए तक बेचा जाता है।
चूहे से 30 प्रकार की डिश बनाई जाती हैं। 1 किलो ग्रिल चूहा 3 हजार रु तक में बिकता है। इससे रोस्ट, गिल्स, फ्राई और सूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
चीन पर कोरोना फैलाने का आरोप लग चुका है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों ने यह भी दावा किया था कि यह वायरस चमगादड़ और पैंगोलिन से फैला है। इतना ही नहीं विशेषज्ञों का यह भी दावा यह कि यह वायरस वुहान के मीट मार्केट से ही मानव संपर्क में आया।
चीन में जंगली जानवरों की फार्मिंग करने को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। इसके मुताबिक, किसानों से लिए गए जानवरों को या तो जंगल में छोड़ा जाएगा, या उन पर रिसर्च की जाएगी।
अगर किसानों को यह वापस भी किए जाते हैं तो बड़ी सावधानी के साथ ऐसा किया जाएगा। अगर जानवर संक्रमित मिलते हैं तो उन्हें मार दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी।